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राष्ट्रीय क्रिश्चियन मोर्चा ने विभिन्न मांगों को लेकर किया प्रदर्शन, राष्ट्रपति के नाम सौंपा मांगपत्र

मौलिक अधिकारों के खिलाफ ईसाई समुदाय को किया जा रहा है प्रताड़ित: पास्टर सुनीता
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राष्ट्रपति के नाम मांगपत्र सौंपते हुए राष्ट्रीय क्रिश्चियन मोर्चा के सदस्य। भिवानी हप्र
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भिवानी, 9 जून (हप्र)

Haryana News : देश में ईसाई समुदाय के खिलाफ बढ़ती हिंसा व अत्याचारों के खिलाफ तथा आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग को लेकर राष्ट्रीय क्रिश्चियन मोर्चा ने सोमवार को शहर में प्रदर्शन करते हुए भिवानी उपायुक्त के माध्यम से राष्ट्रपति के नाम मांगपत्र सौंपा।

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इस मौके पर राष्ट्रीय क्रिश्चियन मोर्चा की महिला विंग की प्रदेश अध्यक्ष पास्टर सुनीता व प्रदेश उपाध्यक्ष सुरेंद्र भोला ने कहा कि ईसाई समुदाय ने देश में शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा व सामाजिक कल्याण में अपनी अहम भूमिका निभाते हुए लंबे समय से योगदान दिया है, लेकिन इसके बावजूद भी इस समुदाय के विशेषकर अनुसूचित जाति से जुड़े लोगों के खिलाफ बढ़ती हिंसा व समुदाय व लोकतंत्र को परिभाषित करने वाली बहुलतावाद दोनों को खतरे में डाल रही है।

उन्होंने कहा कि देश की 140 करोड़ की आबादी में ईसाई समुदाय की संख्या 2.3 प्रतिशत है, जिन्होंने हमेशा देश में संविधान, देशभक्ति, बंधुत्व व समानता व स्वतंत्रता के मूल्यों को बनाए रखा। लेकिन इसके बावजूद भी कुछ लोग मौलिक अधिकारों के खिलाफ जाकर इस समुदाय के लोगों को बेवजह प्रताडि़त करने का काम कर रहे है, जबकि मौलिक अधिकारों के विरोध में संसद को भी कानून बनाने का अधिकार नहीं है।

उन्होंने कहा कि यूनाईटेड क्रिश्चियन फोरम के आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2024 में हिंसा और प्रताडऩा की 834 घटनाएं दर्ज गई, जो कि वर्ष 2023 में 734 से अधिक थी। ईसाई समुदाय के खिलाफ शत्रुता और हिंसा को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्र के असहिष्णु दृष्टिकोण को बढ़ावा देने वाले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, भारतीय जनता पार्टी और उसके सहयोगी संगठन रहे है।

मांगपत्र के माध्यम से उन्होंने मांग की कि सभी हिंसा की निष्पक्ष जांच सुनिश्चित कर आरोपियों को जवाबदेह ठहराया जाए, धार्मिक, स्वतंत्रता अधिनियमों की समीक्षा कर उनके दुरूपयोग पर रोक लगाई जाए, राज्य सरकारों को धार्मिक समाता और स्वतंत्रता को बनाए रखने के निर्देश दिए जाए, अनुसूचित जाति के ईसाई आरक्षण के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई में तेजी लाई जाए, जोखित में पड़े ईसाई समुदायों के लिए सुरक्षात्मक तंत्र को मजबूत किया जाए, अंतर धार्मिक संवाद को बढ़ावा देकर सांप्रदायिक सदभाव के लिए एक राष्ट्रीय मंच स्थापित किया जाए सहित अन्य मांगों संबंधी शहर प्रदर्शन किया है।

उन्होंने कहा कि ईसाई समुदाय के खिलाफ हो रही हिंसा की घटनाओं पर रोक नहीं लगाई गई तो एक जुलाई को राष्ट्रीय क्रिश्चियन मोर्चा के राष्ट्रीय संयोजक व वामसेफ, भारत मुक्ति मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष वामन मेश्राम के नेतृत्व में भारत बंद के तहत प्रदर्शन किया जाएगा।

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