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सम्राट मिहिर भोज की प्रतिमा को लेकर राजपूत और गुर्जर समुदाय आमने-सामने

कैथल, 17 जुलाई (हप्र) अखिल भारतीय वीर गुर्जर महासभा के राष्ट्रीय महामंत्री अमित आर्य ने शरारती तत्वों को खुली चुनौती देते हुए कहा कि वे गुर्जर सम्राट मिहिर भोज को लेकर राजपूत समाज के साथ हर मंच पर बहस करने...

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कैथल में सोमवार को पत्रकार वार्ता में बोलते अमित आर्य व अन्य। -हप्र
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कैथल, 17 जुलाई (हप्र)

अखिल भारतीय वीर गुर्जर महासभा के राष्ट्रीय महामंत्री अमित आर्य ने शरारती तत्वों को खुली चुनौती देते हुए कहा कि वे गुर्जर सम्राट मिहिर भोज को लेकर राजपूत समाज के साथ हर मंच पर बहस करने को तैयार हैं।

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आज यहां पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस में प्रेस वार्ता में बोलते हुए आर्य ने कहा कि जिस भी समाज को आपत्ति है तो वह प्रमाण लेकर आएं, वे भी अपने प्रमाण देंगे। कुछ शरारती तत्व अपनी राजनीति चमका रहे हैं। कुछ लोग दो समाज के बीच विवाद पैदा कर रहे हैं।

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आज से 20 साल पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री साहब सिंह वर्मा ने दिल्ली में सड़क का नाम भी गुर्जर सम्राट मिहिर भोज के नाम से रखा था। इसके अलावा त्रिवेंद्र सिंह रावत उत्तराखंड के मुख्यमंत्री राजपूत समाज से संबंधित हैं, उन्होंने भी हरिद्वार के खानपुर में गुर्जर सम्राट मिहिर भोज की प्रतिमा का अनावरण किया था। पूर्व सेना जनरल वीके सिंह ने भी दिल्ली में सड़क का नाम गुर्जर सम्राट मिहिर भोज के नाम से किया था। राजपूत समाज के ही प्रतिष्ठित व्यक्ति मूर्तियों व सड़कों का शुभारंभ व अनावरण कर रहे हैं तो उन्होंने उस समय क्यों आपत्ति दर्ज नहीं करवाई। अमित आर्य ने कहा कि कुछ शरारती तत्व दो समाजों को भड़काने का काम कर रहे हैं तथा अपनी राजनीतिक रोटियां सेकना चाहते हैं। वे अपने साक्ष्य रखें तथा हम भी अपने साक्ष्य रखने को तैयार हैं। करीब 1200 साल पहले जब गुर्जर प्रतिहार वंश देश पर राज कर रहा था तो यह उसी समय से शिलालेखों में लिखा आ रहा है।

लेखों में उन्होंने खुद को गुर्जर प्रतिहार लिखा है तो इनके कहने से इसमें कोई बदलाव नहीं हो सकता। यदि कोई भी समाज विवाद पैदा करता है तो वे भी तैयार हैं। कुछ लोग दूसरे समाज के महापुरुषों को भी अपना बताते हैं। राजपूत समाज के मौजिज व्यक्तियों से विनती करते हुए कहा कि वे समाज के गलत व्यक्तियों को रोकें। समाज में टकराव होने से बचाएं। इस अवसर पर समाज के जिलाध्यक्ष सुभाष काकौत, भूप्पी क्योड़क, सन्नी कठवाड़, विनय ढांड, अशोक काकौत, मंदीप, अंकित, अंकुश काकौत, राकेश आदि उपस्थित थे।

बता दें कि यहां सम्राट मिहिर भोज को लेकर गुर्जर व राजपूत समाज के लोगों में कुछ दिनों से विवाद चल रहा है। अगामी 20 जुलाई को गुजर्र समाज के लोग गुर्जर सम्राट मिहिर भोज की प्रतिमा का अनावरण कर रहे हैं। इस प्रतिमा को लेकर राजपूत समाज का कहना है कि महापुरुषों को जाति के आधार पर नहीं बांटा जा सकता है।

सम्राट मिहिर भोज के नाम के आगे गुर्जर शब्द का प्रयोग सरासर गलत है। राजपूत समुदाय का कहना है कि अगर सम्राट मिहिर भोज के नाम के आगे से गुर्जर शब्द नहीं हटाया तो वे प्रतिमा का अनावरण नहीं होने देंगे और गुर्जर समुदाय का कहना है कि सम्राट मिहिर भोज के नाम के आगे गुर्जर शब्द लंबे समय से लग रहा है।

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