हरिकृष्ण आर्य /निस
घरौंडा, 15 नवंबर
रायपुर जाटान की बाड़ा बस्ती में बना खेल स्टेडियम अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है। स्टेडियम में कांग्रेस घास का साम्राज्य बना हुआ है। खेल स्टेडियम में न तो रेसिंग ट्रैक और न ही कोई खेल कोर्ट। पानी व शौचालय जैसी सुविधाएं तो दूर की बात है। सुविधाओं के अभाव में युवा खिलाड़ी खेलों से विमुख हो रहे हैं। युवाओं का कहना है कि सरकार खेलों को बढ़ावा दे रही है और स्टेडियमों पर लाखों खर्च भी कर रही है, लेकिन उनके गांव में एक स्टेडियम बनाया गया है और वह भी आज बुरे दौर से गुजर रहा है। सरकार नये स्टेडियमों पर पैसा खर्च करने के बजाय पुराने स्टेडियमों का ही जीर्णोद्धार करे तो ग्रामीण आंचल की प्रतिभाओं को आगे बढ़ने का मौका मिलेगा। शासन व प्रशासन से स्टेडियम के सुधार को लेकर लिखा गया है, लेकिन कोई सुनवाई
नहीं होती। रायपुर जाटान की बाड़ा बस्ती में करीब दो साल पहले चार एकड़ जमीन पर खेल स्टेडियम का निर्माण किया गया था। स्टेडियम की चारदीवारी करवाई गई, लेकिन सरकार अन्य सुविधाएं देना भूल गई। ग्रामीण रोहताश पहलवान, खिलाड़ी सचिन, अभिषेक, रोहित, बलकार, संजय, विनोद, बिजेंद्र व अन्य का कहना है कि करीब 15 लाख रुपए की लागत से स्टेडियम तैयार किया गया था, लेकिन सुविधाएं आज तक नहीं मिली। स्टेडियम की जमीन उबड़-खाबड़ है। रेसिंग ट्रैक न होने के कारण कोई भी युवा एथलीट यहां अभ्यास नहीं कर सकता।
पीने के पानी की कोई सुविधा नहीं है लिहाजा खिलाडिय़ों को अपने घर से ही पानी की बोतल लेकन आना पड़ता है वहीं शौचालय भी स्टेडियम में नहीं बनाया गया। ग्रामीणों ने शासन व प्रशासन से स्टेडियम में सुविधाएं मुहैया करवाने की मांग की है।
”रायपुर जाटान बाड़ा बस्ती खेल स्टेडियम की सफाई मनरेगा मजदूरों के द्वारा करवाई जाएगी, जिसका एस्टीमेट भी बनाया जा चुका है, लेकिन अभी एस्टीमेट पास नहीं हो रहे। जैसे ही एस्टीमेट पास होंगे लेबर लगाकर सफाई कार्य शुरू करवा दिया जाएगा। इसके अलावा बिल्डिंग निर्माण, शौचालय, पानी की व्यवस्था के संदर्भ में कोई एप्लीकेशन प्राप्त नहीं हुई है। कोई एप्लीकेशन मिलती है तो उच्चाधिकारियों के संज्ञान में मामला लाकर कार्य करवाने का प्रयास किया जाएगा।”
-बिजेंद्र, ग्राम सचिव