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9 गांवों की फसलों पर कहर ढा रहा एक्सप्रेस हाईवे का बरसाती पानी

किसानों ने कल से चौटाला टोल प्लाजा बंद करने की दी चेतावनी
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इकबाल सिंह शांत/निस

डबवाली, 26 जून

अमृतसर-जामनगर भारतमाला एक्सप्रेसवे (एनएच-54) का बरसाती पानी 9 गांवों की फसलों पर कहर ढा रहा है। हाईवे से पानी की समुचित निकासी व्यवस्था न होने के चलते खेतों में पानी में भरने से धान की खड़ी फसलें डूब कर नष्ट हो रही हैं। विकासशील भारत के प्रतीक बने एक्सप्रेसवे के बरसाती संताप को गांव चौटाला, आसाखेड़ा, सकताखेड़ा, अबूबशहर, जोगेवाला व गांव डबवाली के किसान झेलने को मजबूर हैं। गत वर्ष हाइवे का बरसाती पानी में कपास की फसल डूब गयी थी। क्षेत्र के किसानों ने एक्सप्रेसवे निर्माण कंपनी को दो दिनों के भीतर समस्या के स्थायी समाधान हल व बर्बाद फसलों का मुआवजा देने का अल्टीमेटम दिया है। समाधान न होने पर 28 जून से चौटाला टोल बैरियर पर धरना दिया जाएगा।

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बता दें कि एक्सप्रेसवे का बरसाती पानी, जिसे ड्रेनों के माध्यम से जमीनी बोर में जाना चाहिए, वह सीधे किसानों के खेतों में घुस जाता है, जिससे खड़ी फसलें पूरी तरह से बर्बाद हो जाती हैं। किसानों का आरोप है कि निर्माण कंपनी ने ज्यादा मुनाफे के लिए 150-200 फुट के बजाय लगभग 40-50 फुट तक कम गहराई वाले वाले बोर किये हैं, जिनमें से ज्यादातर बोर लगभग फेल हो चुके हैं।

किसान नेता राकेश फगोड़िया व प्रभावित किसानों संत राम देहडू, दूला राम, अमन देहडू व अन्य ने गंभीर समस्या पर चिंता व्यक्त करते बताया कि किसानों का आरोप है कि एक्सप्रेसवे निर्माण कंपनी की कथित लापरवाही व कुप्रबंधन समस्या की मुख्य जड़ है। कंपनी ने पानी निकासी हेतु पर्याप्त व स्थायी समाधान नहीं किए है, जिसके चलते प्रत्येक मानसून में किसान अपनी फसल गंवा रहे हैं।

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