16 दिन बाद फिर पर्यवेक्षकों के साथ राहुल करेंगे बैठक
हरियाणा में संगठन गठन की तैयारियों को लेकर आज दिल्ली में अहम बैठकदिनेश भारद्वाज/ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 19 जून
हरियाणा में कांग्रेस के ‘संगठन सृजन’ कार्यक्रम को लेकर जिलावार बैठकें लेने में जुटे केंद्रीय पर्यवेक्षकों को अचानक से राहुल गांधी ने नई दिल्ली तलब कर लिया है। राहुल गांधी केंद्रीय पर्यवेक्षकों के साथ शुक्रवार को नई दिल्ली में बैठक करेंगे। राहुल गांधी की 16 दिनों के बाद पर्यवेक्षकों के साथ यह दूसरी बैठक होगी। इससे पहले उन्होंने चंडीगढ़ स्थित प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में ही केंद्रीय व राज्य पर्यवेक्षकों के साथ बैठक की थी।
हरियाणा में कांग्रेस नेताओं की आपसी खींचतान व गुटबाजी से बचने के लिए राहुल गांधी ने खुद ही मोर्चा संभालना पड़ा। संगठन सृजन कार्यक्रम के तहत सबसे पहले जिलाध्यक्ष बनेंगे। राहुल गांधी के निर्देशों पर ही दूसरे राज्यों के नेताओं को हरियाणा में केंद्रीय पर्यवेक्षक बनाकर भेजा है। केंद्रीय पर्यवेक्षकों को जिले अलॉट किए हैं। साथ ही, उनके सहयोग के लिए प्रदेश कांग्रेस कमेटी की ओर से नियुक्त किए गए राज्य पर्यवेक्षकों को जोड़ा है। हर केंद्रीय पर्यवेक्षक के साथ तीन-तीन राज्य के पर्यवेक्षक अटैच किए हैं।
केंद्रीय पर्यवेक्षकों की नियुक्ति के बाद 4 जून को राहुल गांधी ने चंडीगढ़ में उनके साथ बैठक की थी। चंडीगढ़ पहुंचे राहुल गांधी ने सबसे पहले प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक की थी। इसके बाद उन्होंने केंद्रीय व राज्य पर्यवेक्षकों के साथ संयुक्त बैठक करके उन्हें जिलाध्यक्ष चयन को लेकर सुझाव दिए। इसके बाद उन्होंने केंद्रीय पर्यवेक्षकों के साथ बंद कमरे में अलग से मुलाकात करके उन्हें साफ-साफ समझा दिया था कि जिलाध्यक्ष चयन पूरी पारदर्शिता के साथ हो।
पार्टी के हरियाणा मामलों के प्रभारी बीके हरिप्रसाद ने राहुल गांधी द्वारा ली जाने वाली केंद्रीय पर्यवेक्षकों की बैठक की पुष्टि की है। यहां बता दें कि हरिप्रसाद भी पिछले दिनों हरियाणा का दौरा कर संगठन सृजन को लेकर कार्यकर्ताओं की बैठक ले चुके हैं। केंद्रीय नेतृत्व ने प्रदेश के दोनों सह-प्रभारियों को भी जिलों की मॉनिटरिंग का जिम्मा सौंपा हुआ है। केंद्रीय पर्यवेक्षकों द्वारा की जा रही बैठकों पर ये सह-प्रभारी नजर रख रहे हैं। जितेंद्र बघेल को 12 और प्रफूल्ला गुडधे को 10 जिलों की कमान मिली हुई है।
चूंकि राहुल गांधी संगठन गठन को लेकर काफी सीरियस हैं, इसलिए प्रभारी खुद अभी तक प्रदेश के सात जिलों – मेवात, महेंद्रगढ़, यमुनानगर, जींद, रोहतक, हिसार व पंचकूला का दौरा कर चुके हैं। आधा दर्जन से अधिक जिलों में उनके दौरे 26 से 30 जून तक होंगे। इन बैठकों के बीच ही अचानक राहुल गांधी की ओर से पर्यवेक्षकों को दिल्ली की बैठक के लिए बुलाया गया है। राहुल गांधी की मौजूदगी में शुक्रवार को होने वाली बैठक की भनक लगने के बाद हरियाणा के नेताओं की भी धड़कनें बढ़ी हुई हैं।
अभी तक का लेंगे फीडबैक
माना जा रहा है कि शुक्रवार को होने वाली बैठक में राहुल गांधी पर्यवेक्षकों से पहले दौर की बैठकों का फीडबैक लेंगे। केंद्रीय पर्यवेक्षक प्रदेश के अधिकांश जिलों का दौरा कर चुके हैं। इस दौरे के दौरान उन्होंने उन नेताओं के आवेदन लिए हैं, जो जिलाध्यक्ष बनना चाहते हैं। दूसरे दौरे में केंद्रीय पर्यवेक्षक आवेदन करने वाले नेताओं के साथ वन-टू-वन बातचीत भी करेंगे और वर्करों से भी इन नेताओं के बारे में फीडबैक लेंगे। राहुल गांधी पर्यवेक्षकों से जानेंगे कि जिलों की बैठकों के दौरान उन्हें किसी तरह की परेशानी तो नहीं आ रही है। स्थानीय नेताओं का किसी तरह का दबाव तो नहीं है।
पावरफुल होंगे जिलाध्यक्ष
केंद्रीय नेतृत्व यह पहले ही स्पष्ट कर चुकी है कि इस बार जिलाध्यक्ष काफी पावरफुल होंगे। लोकसभा व विधानसभा चुनावों में उम्मीदवारों के चयन में भी जिलाध्यक्ष की पसंद-नापसंद विशेष महत्व रखेगी। राहुल गांधी पर्यवेक्षकों को दो-टूक कह चुके हैं कि वे अपने जिले से बाहर के नेताओं के साथ किसी तरह का संपर्क नहीं रखेंगे। जिलाध्यक्ष चयन प्रक्रिया में किसी भी नेता की सिफारिश पर गौर नहीं करेंगे।
6-6 के नाम के बनेंगे पैनल
केंद्रीय पर्यवेक्षकों को कहा गया है कि वे जिलों के दौरों के बाद आए आवेदनों व वर्करों से बातचीत के बाद हर जिले के लिए छह-छह नेताओं के नाम के पैनल तैयार करेंगे। पैनल बनने के बाद उन पर केंद्रीय नेतृत्व हरियाणा के वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक करके विचार-विमर्श करेगा। इन पैनल की छंटनी करके तीन-तीन नाम के पैनल बनेंगे। इसके बाद ये सभी पैनल राहुल गांधी तक पहुंचेंगे। माना जा रहा है कि आखिर में राहुल गांधी की मौजूदगी में होने वाली बैठक में ही तीन-तीन नाम के पैनल में से किसी एक को जिलाध्यक्ष चुना जाएगा। पैनल बनाने की प्रक्रिया पर्यवेक्षकों को 30 जून तक पूरी करनी है।