गुरुग्राम, 11 दिसंबर (हप्र)
भारत-तिब्बत सहयोग मंच की ओर से प्रांत स्तरीय मानवाधिकार दिवस पर सेमिनार का आयोजन किया गया। इसमें मंच के राष्ट्रीय नेताओं ने कब्जे वाले तिब्बती भूभाग में रहने वालों हो रहे जुल्मों पर चिंता व्यक्त की। सेमिनार के दौरान मंच के राष्ट्रीय महामंत्री प्रमोद गोयल मुख्य वक्ता के रूप में मौजूद रहे। उन्होंने कहा कि चीन ने 1949 से तिब्बत पर कब्जा किया हुआ है। यह पूरे विश्व के लिए एक चुनौती है, साथ ही मानव अधिकारों का हनन भी है। वहां के लोगों के साथ क्रूर व्यवहार उन पर अत्याचार किया जा रहा है। इसलिए सभी देशों को मिलकर वहां तुरंत प्रभाव से मानवाधिकारों की बहाली का दबाव बनाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि तिब्बत में शिक्षा, सामाजिक और संस्कृति का दमन किया जा रहा है। वर्ष 1949 से ही लाखों तिब्बती लोग भारत सहित अन्य देशों में शरण लेकर दर-दर घूम रहे हैं।
सेमिनार के दौरान मंच ने चीन की यूएनओ की सदस्यता रद्द किए जाने की मांग भी की। इससे पहले मंच के हरियाणा प्रांत अध्यक्ष अमित गोयल ने कहा कि सभी देशवासियों को तिब्बत की आजादी, मानसरोवर की मुक्ति और भारत की सुरक्षा का संकल्प लेना होगा।
इस दौरान मंच की महिला विंग की राष्ट्रीय सचिव अलका दलाल, उषा गुप्ता, कृष्ण तंवर, प्रांत कोषाध्यक्ष चंदन मुंजाल, युद्धिष्ठर कौशिक, निशांत अहलावत, प्रतीक राव, अभिषेक गौड़, सुनील तंवर, सोनम ज्ञालसन, तेंजिन शेराप समेत काफी लोग मौजूद रहे।