भिवानी, 21 अप्रैल (हप्र)
भिवानी नगर परिषद के करोड़ों रुपयों के कथित घोटाले में शामिल लोगोंं की सूची अब लम्बी होती जा रही है। परिषद में फर्जी रसीदें काटने के आरोप में भिवानी पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने एक कर्मचारी सुरेश को गिरफ्तार किया है। जिसने घोटाले की रकम से अपनी पत्नी के नाम 57 लाख 72 हजार रुपए की 8 एकड़ जमीन खरीदी है। नप के पूर्व अध्यक्ष, कार्यकारी अधिकारी, अकाउंटेंट, कैशियर, बैंक मैनेजर सहित 8 लोग परिषद के खाते से साढ़े 14 करोड़ रुपये निजी कम्पनियों के खाते में स्थानांतरित करने के मामले में पहले से ही राज्य चौकसी ब्यूरो द्वारा पकड़े जा चुके हैं। इस बीच नगर परिषद के एक ऑपरेटर व एक अन्य को नगर परिषद में जमा होने वाले विकास शुल्क तथा गृहकर की करोड़ों रुपयों की फर्जी रसीेदें काटने के आरोप में भिवानी पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने गिरफ्तार कर रखा है। इस मामले में नगर परिषद के उपाध्यक्ष मामनचंद एवं एक पार्षद नरेंद्र सर्राफ के खिलाफ भी मामला दर्ज है। आर्थिक अपराध पुलिस ने इस दौरानपरिषद के एक क्लर्क सुरेश को भी फर्जी रसीद घोटाले के मामले में गिरफ्तार किया है। आर्थिक अपराध शाखा के इंचार्ज सतपाल सिंह ने बताया कि पूछताछ में आरोपी सुरेश ने स्वीकार किया है उसने फर्जी रसीद घोटाले से प्राप्त रुपयों से अपनी पत्नी के नाम 57 लाख 72 हजार रुपए की 8 एकड़ जमीन की 3 रजिस्ट्रियां तोशाम में करवाई थीं। पुलिस के अनुसार सुरेश कुमार को न्यायालय में पेश किया गया जहां से उन्हें दो दिन के पुलिस रिमांड पर लिया गया है।
राज्य चौकसी ब्यूरों करे जांच: धर्मबीर : भाजपा के दो सांसदों की मौजूदगी में जिला स्तरीय विकास समन्वय एवं निगरानी समिति की बैठक में भिवानी परिषद में घोटाले का मामला जोरशोर से गूंजा। दोनों सांसदों ने 5 वर्षों के दौरान नगर परिषद में विकास कार्यों में हुई अनियमिताओं की जांच राज्य चौकसी ब्यूरो से करवाने के निर्देश दिये और 3 मई को पुन: बैठक बुलाई । सांसद धर्मबीर व सांसद बृजेंद्र सिंह ने कार्रवाई ना होने पर नाराजगी प्रकट की। वहीं जन संघर्ष समिति भिवानी व युवा कल्याण संगठन ने नगर परिषद घोटाले की उच्च स्तरीय न्यायिक जांच की मांग करते हुए कहा है कि घोटाले में गड़बड़ियां व हेराफेरी जिम्मेवार लोगों ने बड़ी चालाकी व लम्बे समय तक की हैं।