पानी पर गुरुओं की महान परंपराओं का ध्यान रखे पंजाब : नायब सैनी
नायब सिंह सैनी ने बैठक में चर्चा के दौरान कहा कि सभी राज्यों के पानी के हिस्से को संबंधित राज्य तक पहुंचाने की समुचित व्यवस्था होनी चाहिए। हरियाणा लगातार दिल्ली को उसके हिस्से से अधिक पानी अपने हिस्से से देता रहा है। जबकि एसवाईएल न बनने के कारण हरियाणा को पंजाब से अपने हिस्से का पूरा पानी नहीं मिल रहा है। अगर एसवाईएल के रास्ते हरियाणा को अपने हिस्से का पूरा पानी मिलता है, तो राजस्थान को भी उसके हिस्से का पूरा पानी मिल सकेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब गुरुओं की धरती है। यह वह पावन धरा है, जहां भाई कन्हैया जी जैसे गुरु सेवक हुए, जिन्होंने युद्ध भूमि में घायल पड़े दुश्मनों के सैनिकों को भी पानी पिलाया। उन्होंने परिषद के माध्यम से पंजाब से आग्रह किया कि जल विवाद पर गुरुओं की महान परंपराओं का ध्यान अवश्य रखा जाए। उन्होंने कहा कि पानी हम सबका सांझा है। हमारी संस्कृति में नदियों को माता कहा गया है।
पीयू से हरियाणा के कॉलेज संबद्ध होने से विद्यार्थियों को मिलेगा लाभ
नायब सिंह सैनी ने पंजाब विश्वविद्यालय (पीयू), चंडीगढ़ का जिक्र करते हुए कहा कि हरियाणा सरकार इसमें अपना योगदान करना चाहती है। यदि हरियाणा के कुछ कॉलेज इस विश्वविद्यालय से संबद्ध हो जाएंगे, तो हरियाणा के विद्यार्थियों और विश्वविद्यालय दोनों को लाभ होगा।
बैठक में हरियाणा के मुख्यमंत्री व उत्तरी क्षेत्रीय परिषद के वाइस चेयरमैन नायब सिंह सैनी, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान, हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू, राजस्थान के मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा, दिल्ली के उप राज्यपाल विनय कुमार सक्सेना, दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता, जम्मू एवं कश्मीर के उप राज्यपाल मनोज सिन्हा, जम्मू एवं कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुला, लद्दाख के उप राज्यपाल कविंदर गुप्ता, चंडीगढ़ के प्रशासक गुलाब चंद कटारिया, केन्द्रीय राज्य मंत्री कृष्णपाल गुर्जर, हरियाणा के राजस्व मंत्री विपुल गोयल, सहकारिता मंत्री डॉ. अरविंद शर्मा सहित संबंधित राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों के उच्चाधिकारियों ने हिस्सा लिया। मुख्यमंत्री नायब सैनी ने बैठक में अमित शाह सहित संबंधित राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों के उप-राज्यपाल और मुख्यमंत्रियों का शॉल ओढ़ाकर और स्मृति चिन्ह भेंट कर स्वागत किया।
