चंडीगढ़, 26 फरवरी (ट्रिन्यू)
भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड (बीबीएमबी) में हरियाणा की स्थाई सदस्यता खत्म करने के बाद प्रदेश की राजनीति गरमा गई है। विपक्षी नेताओं ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने बीबीएमबी के फैसले की निंदा की है। बीबीएमबी ने मैनेजमेंट बोर्ड नियम-1974 के मुताबिक बीबीएमबी में सदस्य (पॉवर) पंजाब से और सदस्य (सिंचाई) हरियाणा से होते थे, लेकिन 2022 के संशोधित नियम में यह अनिवार्यता खत्म कर दी गई है। संशोधित नियमों के तहत सदस्यों के चयन के मापदंड भी ऐसे रखे गए हैं जिन्हें हरियाणा और पंजाब के बिजली विभाग पूरा नहीं कर सकते।
बीबीएमबी के फैसले की निंदा करते हुए हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि प्रदेश सरकार की अनदेखी के चलते पहले भी बीबीएमबी में हरियाणा कोटे से मिलने वाले पदों में कटौती होती रही है। तब भी हरियाणा सरकार ने कुछ नहीं बोला और अब केंद्र के नए फैसले पर भी सरकार मौन धारण किए हुए हैं। भाजपा-जजपा सरकार की यह चुप्पी प्रदेश विरोधी है। जबकि पंजाब के कांग्रेस समेत सभी राजनीतिक दल प्रदेशहित में एकमत होकर इस फैसले के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं। ऐसे में हरियाणा सरकार को भी सभी दलों के साथ मिलकर इस फैसले का विरोध करना चाहिए और प्रदेश के अधिकारों का संरक्षण करना चाहिए।
हरियाणा के अधिकारों पर केंद्र सरकार कर रही हमला
हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष कुमारी सैलजा ने केंद्र की भाजपा सरकार द्वारा बीबीएमबी में हरियाणा की स्थाई सदस्यता खत्म करने की कड़े शब्दों में निंदा की है। सैलजा ने केंद्र के इस फैसले को हरियाणा के अधिकारों पर सीधा हमला करार दिया है। उन्होंने इस फैसले को हरियाणा विरोधी करार दिया है। शनिवार को चंडीगढ़ से जारी एक बयान में सैलजा ने कहा, केंद्रीय विद्युत मंत्रालय ने 23 फरवरी को बीबीएमबी (संशोधन) नियम-2022 लागू कर दिया है, जो भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड नियम 1974 की जगह लेगा।
आंदोलन की कीमत चुका रहे हरियाणा-पंजाब के किसान
कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला ने यहां जारी बयान में कहा कि बीबीएमबी में हरियाणा व पंजाब का प्रतिनिधित्व खत्म कर मोदी सरकार ने एक बार फिर हरियाणा व पंजाब के अधिकारों को कुचलने का काम किया है। यह सीधे सीधे संघीय ढांचे और राज्यों के अधिकारों पर हमला है। एक बार फिर हरियाणा-पंजाब किसान आंदोलन में भाजपा को झुकाने की कीमत चुका रहे हैं। उन्होंने कहा कि भाखड़ा नांगल व ब्यास सिंचाई परियोजना पंडित जवाहर लाल नेहरू की सोच की उपज है, जिसने हरियाणा-पंजाब को देश का खाद्य भंडार बनाया। भाखड़ा और ब्यास सिंचाई योजना व बिजली उत्पादन हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, हिमाचल और भारत सरकार का साझा प्रोजेक्ट है।