सोनीपत, 1 मार्च (हप्र)
नये कृषि कानूनों को रद्द करने व एमएसपी पर गारंटी की मांग को लेकर कुंडली बॉर्डर पर किसान आंदोलन चल रहा है। किसान संयुक्त मोर्चा के सदस्यों का कहना है कि पंजाब व हरियाणा का एक जैसा कल्चर है, लेकिन यूपी ने इस आंदोलन का हाथ थामने का काम किया है। पंजाब से हरियाणा के अलग होने के बाद आज तक कुछ मतभेद थे भी, तो वो किसान आंदोलन ने दूर कर दिए हैं। इस आंदोलन की यह उपलब्धि है। किसान नेताओं ने मंच से साफ किया कि हरियाणा व पंजाब के बीच विवाद करवाने की खूब कोशिश की गई, लेकिन दोनों ओर के लोगों ने अपनेपन से पूरे देश को भाईचारे का संदेश दिया। किसानों ने चेतावनी देते हुए कहा कि सभी जानते हैं कि हरियाणा-पंजाब वाले जब कोई बात ठान लेते हैं, तो उसे पूरा करके ही दम लेते हैं।
वहीं, आंदोलन को फिर से पटरी पर लाने का श्रेय यूपी को दिया। किसान नेता बलबीर सिंह रजेवाल ने कहा कि आज तक दुनिया के किसी कोने में इतना बड़ा आंदोलन नहीं हुआ है। दिल्ली की चारों बार्डरों पर लाखों किसान मौजूद हैं। इतनी संख्या होने के बावजूद शांतिपूर्ण आंदोलन चलाना दुनिया के लिए अनूठा उदाहरण बन गया है।
इतिहास रचेगा किसान आंदोलन
मोर्चा नेताओं ने कहा कि भारत का किसान आंदोलन नया इतिहास रचने जा रहा है। बड़ी-बड़ी यूनिवर्सिटीज के विशेषज्ञ उनके पास पहुंच रहे हैं और शोध कर रहे हैं। किसानों ने बताया कि बाबा गुरमीत सिंह डेरा कार सेवा शाहबाद और सरदार रणधीर सिंह संगत ट्रस्ट के सहयोग से आंदोलन में शहीद हुए 20 परिवारों को एक-एक लाख रुपए की आर्थिक सहायता दी गई है। किसान नेता गुरनाम चढ़ूनी ने बताया कि कुर्बान हुए किसानों के परिजनों की सहायता के लिए बहुत से समाजसेवी आगे आ रहे हैं। किसानों की कुर्बानी व्यर्थ नहीं जाएगी।