पंजाब सरकार के झूठे दावों की खुली पोल : माजरा
उन्होंने कहा कि हकीकत कुछ और ही तस्वीर पेश करती हैं। पानी के बंटवारे के आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला है कि पिछले 10 सालों में पंजाब ने कभी भी पानी का पूरा कोटा तक इस्तेमाल नहीं किया है। पंजाब जल संसाधन विभाग के जल उपयोग के आंकड़ों पर गौर करें तो पता चलता है कि पंजाब ने 2014-15 से अब तक सिर्फ 64 से 84 प्रतिशत जल ही उपयोग किया है।
2014-15 में पंजाब का 6.621 एमएएफ कोटा था और उपयोग किया सिर्फ 4.642 एमएएफ यानी 70 प्रतिशत, उसके बाद 2015-16 से 2023-24 तक 76, 87, 84, 64, 69, 83, 76, 69 और 84 प्रतिशत ही पानी उपयोग किया है। इस रिपोर्ट ने पंजाब सरकार को पूरी तरह से बेनकाब कर दिया है।
मतलब साफ है कि पंजाब के पास पानी की कोई कमी नहीं है। सिर्फ राजनीतिक रोटियां सेंकने के लिए इस तरह की नौटंकी की जा रही है। रामपाल माजरा ने केंद्र की सरकार से मांग करते हुए कहा कि पंजाब जल संसाधन विभाग की रिपोर्ट को ध्यान में रखते हुए पंजाब पर दबाव बनाए और हरियाणा के हिस्से का पानी तुरंत दिलवाएं।