सज्जन सैनी/ निस
नारनौंद, 7 मई
राखीगढ़ी में हड़प्पा कालीन सभ्यता के नये राज़ सामने आये हैं। यहां खुदाई में टीले नंबर तीन पर एक पक्की दीवार मिली है और उसके नीचे कच्ची ईंटों की दीवार भी पाई गई है। दीवार के साथ उस समय के मकान पाए गए हैं। दो महीने के अध्ययन के बाद अधिकारी इस निष्कर्ष पर पहुंचे हैं कि खुदाई के दौरान मिले मकान काफी प्लानिंग से बनाए गये थे। जैसा कि आज हम शहरों के सेक्टरों में देखते हैं, उस समय भी लोगों ने ऐसे ही प्लानिंग करके यह मकान बनाए थे। सभी मकान एक जैसे ही हैं और उनके साथ में पानी की निकासी के लिए नालियां भी हैं। रास्ते बिल्कुल सीधे हैं, उनके किनारों पर काफी बड़े-बड़े पोट भी मिले हैं, उनका प्रयोग संभवत: कचरा डालने के लिए होता था। इनके अलावा अंगीठी, तंदूर भी मिला है।
3 टीलों की खुदाई : राखीगढ़ी में हड़प्पा सभ्यता से जुड़े 7 टीले हैं। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण दिल्ली के मार्गदर्शन में चौथी बार यहां खुदाई की जा रही है। पहली बार एक साथ तीन टीलों पर खुदाई की गयी है।
गजब की टाउन प्लानिंग
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण दिल्ली के संयुक्त महानिदेशक डॉ. संजय मंजुल ने शनिवार को बताया कि हड़प्पा संस्कृति यह बयां करती है कि उन लोगों ने अपने जीवन में कितनी उन्नति की थी। पक्की ईंटों की दीवार भी पाई गई है। उनकी टाउन प्लानिंग बड़े ही गजब की थी। उस समय इंजीनियर होंगे, इसके अभी कोई सबूत तो नहीं मिले, लेकिन जिस तरीके से यह शहर बसाया गया था, उससे साबित होता है कि पूरी प्लानिंग की गयी थी। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के रीजनल डायरेक्टर डॉ. अरविंद ने बताया कि अबकी बार खुदाई में काफी महत्वपूर्ण चीजें पाई गई हैं, जिन पर अध्ययन जारी है। टीलें नंबर सात से दो कंकाल का डीएनए सैंपल लिया गया है।