गुरुग्राम, 22 मई (हप्र)
केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्यमंत्री प्रतिमा भौमिक ने कहा कि नशा मुक्ति अभियान के लिए विभिन्न संस्थाओं और धार्मिक संगठनों को आगे आना चाहिए। इससे जन भागीदारी बढ़ेगी तो निश्चित ही युवाओं को जीवन बदल सकता है। वह यहां ओआरसी में एक कार्यक्रम में उपस्थित लोगों को संबोधित कर रही थी।
उन्होंने कहा कि जन भागीदारी से ही किसी कार्य की सफलता सुनिश्चित की जा सकती है और ब्रहमकुमारीज संस्था नशा मुक्ति अभियान से सीधे जन-जन को जोड़ने में अहम भूमिका निभा सकती है। उन्होंने कहा कि विश्व यह जान चुका है कि परम तत्व के सामने सभी सुख तुच्छ हैं। अपने इसी आध्यात्मिक ज्ञान व शक्ति के बल पर भारत विश्व गुरु बन सकता है।
इस मौके पर त्रिनिदाद के उच्चायुक्त डॉ. रोजर गोपाल ने कहा कि ‘मुझे हिंदी नहीं आती है लेकिन दिल से मैं भारतीय हूं। जीवन का स्तर विचारों के स्तर पर निर्भर करता है। जरूरत है तो स्वयं को जानने की क्योंकि शांति का असली स्रोत हमारे ही भीतर है।’ ओआरसी की निदेशिका बीके आशा ने कहा कि समाज परिवर्तन से पहले स्वयं का परिवर्तन जरूरी है। ब्रह्माकुमारीज का पहला सिद्धांत ही है कि जो कर्म मैं करूंगा, मुझे देख और करेंगे। समाज सेवा का मूलमंत्र समाज सुधार है। आज वैचारिक दृष्टिकोण में परिवर्तन की आवश्यकता है, जो सकारात्मक चिंतन से ही संभव हो सकता है। इस मौके पर संस्था के एडिशन सेक्रेटरी बीके बृजमोहन, अशोक अग्रवाल समेत कई लोग मौजूद रहे।