कुरुक्षेत्र, 14 जुलाई (हप्र)
हरियाणा सरस्वती धरोहर विकास बोर्ड के उपाध्यक्ष धुम्मन सिंह किरमच ने कहा कि पिपली सरस्वती चैनल स्थल को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जा रहा है। सरस्वती चैनल को रिवर फ्रंट का स्वरूप दिया जाएगा। इस रिवर फ्रंट का डिजाइन तैयार करने का जिम्मा पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़ के वास्तुकार काॅलेज को सौंपा है। काॅलेज की टीम ने पिपली सरस्वती चैनल स्थल का निरीक्षण भी किया है। इस रिवर फ्रंट का डिजाइन तैयार होने के बाद प्रोजेक्ट के कार्य को तेजी के साथ शुरू किया जाएगा।
बोर्ड के उपाध्यक्ष धुम्मन सिंह किरमच बुधवार को पिपली सरस्वती चैनल स्थल पर पीयू चंडीगढ़ से पहुंची वास्तुकार काॅलेज की टीम के सदस्यों के साथ चर्चा कर रहे थे। इससे पहले धुम्मन सिंह किरमच, पीयू चंडीगढ़ के वास्तुकार काॅलेज की टीम के सदस्यों एवं सहायक प्रोफेसर डा. गरिमा, सहायक प्रोफेसर डा. घनश्याम, सहायक प्रोफेसर डा. विजय, जिला वन अधिकारी रविन्द्र धनखड़, सिंचाई विभाग के एसडीओ डा. जितेन्द्र ने पिपली सरस्वती चैनल स्थल का निरीक्षण किया। इस दौरान धुम्मन सिंह किरमच ने इस स्थल को रिवर फ्रंट के रूप में विकसित करने और सरकार की योजना के बारे में जानकारी दी है।
धुम्मन सिंह ने कहा कि पर्यटन और धर्मस्थली कुरुक्षेत्र के प्रवेश द्वार पिपली को भी पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की योजना हरियाणा सरस्वती धरोहर विकास बोर्ड ने तैयार की है।
फिर भी बदहाल सरस्वती तीर्थ
पिहोवा (निस) : कई सरकारी विभाग होने के बावजूद सरस्वती तीर्थ बदहाल है। इतिहासकार एवं तीर्थ पुरोहित विनोद पचौली ने बताया कि सरस्वती तीर्थ के विकास एवं देखरेख और सफाई के लिए अनेक सरकारी व गैर सरकारी संस्थान लगे हुए हैं। बहते पानी की व्यवस्था के लिए सरस्वती हैरीटेज बोर्ड, सरस्वती विकास बोर्ड, नहरी विभाग के साथ दो अन्य सरकारी विभाग,पार्क व शौचालय की देखरेख के लिए कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड, सफाई व तीर्थ की देखरेख के लिए पिहोवा नगर पालिका, महिला घाट के लिए सड़क व भवन निर्माण विभाग, जल शुद्धीकरण संयत्र व ट्यूबवैल की जिम्मेदारी जल स्वास्थ्य विभाग के पास है। 14 सौ फुट लम्बे क्षेत्र में इतने विभागों की देखरेख होते हुए भी तीर्थ दुर्दशा का शिकार है।