भिवानी, 16 जनवरी (हप्र)
लगातार दस वर्षों से सरकार में अपनी सेवा देने के बाद भर्ती बोर्ड की गलती व भाजपा सरकार की राजनीति की वजह से आज प्रदेश के 1983 परिवार भुखमरी के कगार पर पहुंच चुके हैं, जो कि लगातार दो वर्षों से अपनी रोजगार बहाली की मांग को लेकर सड़कों पर हैं, लेकिन प्रदेश सरकार उनको बहाल करने की बजाए उनके साथ दुर्व्यवहार कर रही है।
यह बात स्थानीय लघु सचिवालय के समक्ष धरने पर बैठे बर्खास्त पीटीआई को संबोधित करते हुए पीटीआई सुरेंद्र सिंह ने कही। बहाली की मांंग को लेकर बर्खास्त पीटीआई का धरना रविवार को 580वें दिन भी जारी रहा।
धरने को संबोधित करते हुए सुरेंद्र सिंह ने कहा कि लगभग दो वर्षों से बर्खास्त पीटीआई लगातार अपनी बहाली की मांग को लेकर दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर हैं, लेकिन अभी तक उन्हें बहाली का सिर्फ आश्वासन मिला है, बहाली नहीं। उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट व सुप्रीम कोर्ट में बेकसूर साबित होने के बावजूद बर्खास्त पीटीआई भर्ती बोर्ड की गलती का खमियाजा भुगत रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा व वर्तमान मुख्यमंत्री मनोहर लाल भी इस बात को स्वीकार कर चुके हैं, लेकिन फिर भी प्रदेश सरकार इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रही।
उन्होंने कहा कि इतने लंबे संघर्ष के दौरान बर्खास्त पीटीआई प्रदेश के सभी मंत्री, विधायकों व सांसदों के दरों की ठोकरें खाने को मजबूर हैं। इतना ही नहीं, अपनी बहाली की मांग को लेकर वे मुख्यमंत्री के नाम खून से पत्र भी लिख चुके हैं, लेकिन उसके बावजूद ऐसा लग रहा है जैसे प्रदेश सरकार को 1983 परिवारों की कोई चिंता ही नहीं है। इस अवसर पर जिला प्रधान दिलबाग जांगड़ा, महासचिव विनोद पिंकू, रामचंद्र पीटीआई, अमरनाथ धनाना, कपूर सिंह, सतीश प्रहलादगढ़, राजेश बंसल सहित अनेक पीटीआई मौजूद रहे।
आंदोलन तेज करने की चेतावनी
धरनारत बर्खास्त पीटीआई ने चेतावनी देते हुए कहा कि सरकार जल्द ही बर्खास्त पीटीआई की बहाली करें, अन्यथा वे अपना आंदोलन तेज करने को मजबूर होंगे।