Protected Animal Killed : 'घोरल' का अवैध शिकार, तीन गिरफ्तार
रामपुर बुशहर, 27 फरवरी (हप्र) : पुलिस उपमंडल रामपुर बुशहर के तहत पुलिस चौकी तकलेच क्षेत्र में संरक्षित जानवर ( Protected Animal Killed ) के अवैध शिकार करने के आरोप में तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है। जानकारी के मुताबिक बुधवार की रात को तीन युवकों ने जंगल में चोरी छिपे एक दुर्लभ जंगली जानवर 'घोरल' का शिकार कर लिया। लेकिन वन विभाग के मुस्तैदी से इस मामले का खुलासा होते ही इस मामले में संलिप्त तीनों आरोपियों को शिकार समेत पुलिस ने हिरासत में ले लिया है।
Protected Animal Killed- मुनीश वन बीट क्षेत्र में किया शिकार
यह घटना रामपुर बुशहर वन मंडल के मुनीश वन बीट क्षेत्र में घटित हुई है,जहां वन विभाग के गुप्तचरों ने इसे लेकर वन रक्षकों को गुप्त सूचना दी कि जंगल में रात को दो गोलियों की आवाजें सुनी गई हैं। इस सूचना पर वन रक्षक तत्काल हरकत में आ गए और अपने सहयोगियों के साथ जंगल की ओर निकल पड़े, इस दौरान वन रक्षक ने आरोपी शिकारियों का पीछा किया और इसी मध्य पुलिस और वन विभाग के अपने उच्चाधिकारियों को भी सूचित किया कि उन्हें संदेह है कि एक वाहन मुनीश से तकलेच की ओर बढ़ रहा है, जिसमें संभवतः ये अवैध शिकारी मौजूद हो सकते हैं।
दो बंदूकें भी बरामद
वहीं इस दौरान यह भी आशंका जताई गई कि उनके पास हथियार भी हो सकते हैं। वन रक्षकों की सूचना पर पुलिस ने तत्परता से कार्रवाई करते हुए तकलेच चौकी के पास वाहन को रोका। इस वाहन में तीन युवक सवार थे। इसके पश्चात पुलिस ने शक के आधार पर वाहन की तलाशी ली तो इसके पिछले हिस्से में एक मृत घोरल पाया गया। इसके अलावा, आरोपियों के पास से तलाशी के दौरान दो बंदूकें भी बरामद हुईं हैं ।
Protected Animal Killed : वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के तहत मामला दर्ज
पुलिस ने तीनों आरोपियों को हिरासत में लेकर उनके खिलाफ वन्यजीव संरक्षण अधिनियम-1972 के तहत मामला दर्ज कर लिया है। इस मामले की पुष्टि करते हुए वन मंडल रामपुर बुशहर के डीएफओ गुरुहर्ष सिंह का कहना है कि जंगलों में वन्यजीवों के संरक्षण के लिए गश्त बढ़ाई जाएगी और अवैध शिकार करने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
इस मामले को लेकर उन्होंने बताया कि "घोरल" हिमालयीय क्षेत्रों में पाया जाने वाला एक दुर्लभ और संरक्षित प्रजाति का जंगली जानवर है। भारत में इसे वन्यजीव संरक्षण अधिनियम-1972 की अनुसूची- 1 के तहत विशेष संरक्षण प्राप्त है। इस अधिनियम के अनुसार, घोरल के शिकार पर कठोर दंड का प्रावधान है,जिसमें आरोपी को सात साल तक की कैद और भारी जुर्माने की सजा हो सकती है।