सोनीपत, 27 जुलाई (हप्र)
ओपी जिंदल ग्लोबल विश्वविद्यालय के एक युवा प्रोफेसर कई दिन पहले हवाई यात्रा कर केरल से वाया दिल्ली होते हुए सोनीपत पहुंचे तो अपने शरीर पर लाल चकते देख स्वयं नागरिक अस्पताल में पहुंच गए। चिकित्सकों ने उसके शरीर पर मंकीपॉक्स के लक्षण देखकर अस्पताल में भर्ती कर लिया और संदिग्ध मरीज मानकर सैंपल लेकर जांच के लिए दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में भेज दिए। एक दिन भर्ती रखने के बाद चिकित्सक ने उसे जिंदल ग्लोबल सिटी के फ्लैट में होम आईसोलेट कर दिया गया। बुधवार देर शाम प्रोफेसर कर रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने राहत की सांस ली।
उप चिकित्सा अधीक्षक डॉ. गिन्नी लांबा ने बताया कि केरल निवासी 32 वर्षीय युवक प्रोफेसर हैं। उन्होंने फिजिशियन डॉ. शैलेंद्र राणा के पास स्वास्थ्य की जांच कराई तो उन्होंने उसे मंकीपॉक्स रोग का संदिग्ध मानकर अस्पताल में भर्ती कर लिया।
जागरूक रहें लोग
डॉ. शैलेंद्र राणा ने सिविल सर्जन डॉ. जयकिशोर व उप चिकित्सा अधीक्षक डॉ. गिन्नी लांबा को मामले की जानकारी दी। सूचना मिलने के बाद सिविल सर्जन डॉ. जयकिशोर ने संदिग्ध मरीज की हालत देखकर उसके सैंपल लेने के निर्देश दिए। चिकित्सक ने संदिग्ध मरीज के सैंपल लिये। इन सैंपलों को जांच के लिए दिल्ली स्थित एम्स में भेज दिया गया था। बुधवार शाम को वहां से प्रोफेसर की रिपोर्ट नेगेटिव आई है। जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग ने भी राहत की सांस ली। हालांकि सीएमओ डॉ. जयकिशोर ने लोगों को जागरूक रहने की अपील की है। उन्होंने कहा कि किसी के भी शरीर पर मंकीपॉक्स रोग के लक्षण दिखे तो तुरंत सामान्य अस्पताल में उपचार के लिए पहुंचे।