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हरियाणा में विशेषज्ञ डाॅक्टरों के अलग काडर की प्रक्रिया शुरू

सिविल मेडिकल सेवा नियम-2014 के बदलाव में जुटा विभाग
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दिनेश भारद्वाज/ ट्रिन्यू

चंडीगढ़, 6 अप्रैल

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हरियाणा में विशेषज्ञ (स्पेशलिस्ट) डॉक्टरों के लिए अलग काडर के लिए स्वास्थ्य विभाग ने कवायद शुरू कर दी है। विशेषज्ञ काडर बनाने के लिए सरकार को हरियाणा सिविल मेडिकल (ग्रुप-ए) के सेवा नियम-2014 में संशोधन करना होगा। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को नियमों में संशोधन के लिए ड्राफ्ट तैयार करने के आदेश दिए जा चुके हैं। जल्द ही संशोधित नियम नोटिफाई किए जा सकते हैं।

प्रदेश के डॉक्टरों द्वारा इस मांग को लेकर आंदोलन किया जा चुका है। डॉक्टरों ने हड़ताल भी की थी। मनोहर सरकार के दूसरे कार्यकाल में जब अनिल विज स्वास्थ्य मंत्री थे, तब भी यह मुद्दा उठा था। विज ने ही विशेषज्ञ डॉक्टरों के लिए अलग काडर बनाने का ऐलान किया था। बाद में डॉ. कमल गुप्ता प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री बने। कमल गुप्ता के सामने भी यह मामला आया। उस दौरान भी डॉक्टरों ने हड़ताल की। डॉक्टरों के आंदोलन के सामने झुकी सरकार ने 16 अगस्त, 2024 को विशेष काडर बनाने के आदेश जारी किए थे।

हालांकि यह फैसला लागू नहीं हो पाया, क्योंकि सरकार अभी तक नियमों में संशोधन नहीं कर पाई है। नियमों में बदलाव होने के बाद ही फैसला लागू होगा।

पीजीआई में स्टाफ का संकट

रोहतक पीजीआई (मेडिकल यूनिवर्सिटी) में डॉक्टरों, पैरा-मेडिकल व नर्सिंग स्टाफ की कमी की वजह से स्वास्थ्य सेवाओं पर असर पड़ रहा है। हालांकि, अब सरकार ने पीजीआई में सीनियर रेजिडेंट्स/ डॉक्टर्स के 212 रिक्त पदों को भरने के लिए विज्ञापन जारी कर दिया है। साथ ही, पैरा-मेडिकल स्टाफ के 210 और नर्सिंग स्टाफ के 178 खाली पदों को भरने की प्रक्रिया शुरू की गयी है। वर्तमान में पीजीआई में 436 डॉक्टर, 387 पैरा-मेडिकल स्टाफ और नर्सिंग स्टाफ में 1190 कर्मचारी कार्यरत हैं।

विशेषज्ञ डॉक्टरों का अलग काडर बनाने के आदेश 2024 में ही दिए जा चुके हैं। सेवा नियमों में संशोधन की प्रकिया चल रही है। इसे जल्द सिरे चढ़ा दिया जाएगा। पीजीआई रोहतक में भर्ती प्रक्रिया शुरू की जा चुकी है। स्वास्थ्य विभाग में भी डॉक्टरों की भर्ती की जा रही है।

- आरती सिंह राव, स्वास्थ्य मंत्री

डॉक्टरों की हड़ताल के बाद विशेषज्ञ डॉक्टरों के लिए अलग काडर का वादा किया गया था, जो पूरा नहीं हुआ। पीजीआई, रोहतक में डॉक्टरों, पैरा-मेडिकल व नर्सिंग स्टाफ के सैकड़ों पद खाली हैं। प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों व अस्पतालों में भी यही स्थिति है।

- भारत भूषण बतरा, रोहतक के विधायक

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