चंडीगढ़, 16 फरवरी (ट्रिन्यू)
हरियाणा सरकार द्वारा आठवीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा के फैसले का प्राइवेट स्कूल संचालकों ने विरोध किया है। उनका कहना है कि यह फैसला पूरी तरह से गलत है और इसे माना नहीं जाएगा। उनका तो यह भी कहना है कि इससे अभिभावकों पर आर्थिक और विद्यार्थियों पर मानसिक बोझ पड़ेगा। प्राइवेट स्कूल संचालक इस फैसले को शिक्षा का अधिकार कानून के खिलाफ बता रहे हैं। उनकी तर्क है कि राज्य सरकार के पास इसमें बदलाव के अधिकार नहीं हैं।
इस मुद्दे को लेकर बुधवार को प्रदेशभर के प्राइवेट स्कूलों की अलग-अलग एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने चंडीगढ़ में संयुक्त पत्रकारवार्ता की। इस दौरान हरियाणा प्रोग्रेसिव स्कूल्स कांफ्रेंस (एसपीएससी), हरियाणा यूनाइटेड स्कूल्स एसोसिएशन (एचयूएसए), हरियाणा प्राइवेट स्कूल्स एसोसिएशन (एचपीएसए), करनाल इंडिपेंडेंट स्कूल्स एसोसिएशन (केआईएसए) और रिकोगनाइज्ड एन-एडिड प्राइवेट स्कूल्स एसोसिएशन (आरयूपीएसए) के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
एचपीएससी के उपाध्यक्ष सुरेश चंद्र ने कहा कि सरकार का फरमान पूर्ण रूप से नियमों के विरुद्ध है। इसे लेकर निजी स्कूलों द्वारा जब कोर्ट का दरवाजा खटखटाया तो सरकार ने हाथों-हाथ इस आदेश को वापस ले लिया। शिक्षा के अधिकार 2022 में 17 जनवरी को संशोधन कर दोबारा से स्कूलों पर थोपने का काम किया है। वे इस मंदी के दौर में विद्यार्थियों पर आर्थिक और परीक्षा के दबाव को लेकर मानसिक बोझ डालने के हक में नहीं हैं। आठवीं की बोर्ड परीक्षा का गठन कर आर्थिक बदहाली झेल रहा शिक्षा बोर्ड स्कूलों और अभिभावकों में आर्थिक बोझ डाल रहा है। प्रति स्कूल की रजिस्ट्रेशन के नाम पर 5 हजार रुपए का शुल्क, एनरोलमेंट पर 100 रुपए और प्रति विद्यार्थी परीक्षा शुल्क के लिए 550 रुपए निर्धारित कर बोर्ड ने पैसे कमाने का एक जरिया बना लिया है। यह स्कूलों और अभिभावकों को बिल्कुल मंजूर नहीं है। प्रदेश में लगभग दो हजार निजी स्कूल है, जो प्रति स्कूल पांच हजार की दर से लगभग एक करोड़ रुपए बनता है। प्रदेश में लगभग आठवीं के लगभग साढ़े 4 लाख विद्यार्थी हैं, जिनसे 550 रुपए प्रति विद्यार्थी की फीस वसूली गई। यह राशि लगभग 25 करोड़ रुपए बनती है। इस अवसर पर एचनएसए के प्रदेशाध्यक्ष रामपाल यादव, वरिष्ठ उपाध्यक्ष रणबीर सिंह, एचपीएसए के अध्यक्ष विजेंद्र मान, करनाल इंडिपेंडेंट स्कूल एसोसिएशन के अध्यक्ष आरएस विर्क, सचिव कुलजिंदर मोहन बाठ, राजन लांबा, विक्रम चौधरी, आरयूपीएसए के अध्यक्ष जितेंद्र अहलावत मौजूद थे।
मार्च के आखिर में होंगी आठवीं बोर्ड की परीक्षाएं
हरियाणा में आठवीं की बोर्ड परीक्षाएं मार्च के अंत में होंगी। नौवीं कक्षा में दाखिले के लिए आठवीं में पास होना अनिवार्य है। मिडल क्लास के सभी विद्यार्थियों को परीक्षा में शामिल होना पड़ेगा, चाहे स्कूल किसी भी बोर्ड से संबद्ध क्यों न हो। राज्य शैक्षिक अनुसंधान प्रशिक्षण परिषद के निदेशक डॉ़ ऋषि गोयल ने इस बारे सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को आदेश जारी किए हैं। हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड यह परीक्षा लेगा। सभी सरकारी और निजी स्कूलों को 20 फरवरी तक आठवीं कक्षा की परीक्षा के लिए अपना पंजीकरण और विद्यार्थियों का नामांकन कराना आवश्यक है। बोर्ड गणित, विज्ञान, सामाजिक विज्ञान, अंग्रेजी, हिंदी, संस्कृत, पंजाबी और उर्दू की परीक्षा लेगा और परिणाम जारी करेगा। छात्रों द्वारा चुने गए शेष विषयों का मूल्यांकन स्कूल स्तर पर किया जाएगा।