नूंह और पानीपत के प्राइवेट अस्पतालों की होगी जांच, ESI पैनल में शामिल हॉस्पिटल भी दायरे में
ट्रिब्यून न्यूज सर्विस, चंडीगढ़, 11 मार्च
Haryana Assembly Session: हरियाणा के दो जिलों पानीपत और नूंह के कई प्राइवेट अस्पताल संदेह के दायरे में आ गए हैं। इन अस्पतालों की सरकार जांच करवाएगी। पानीपत के कई अस्पतालों पर ईएसआई मरीजों के बिल में फर्जीवाड़े के आरोप हैं। वहीं नूंह में बिना परमिशन के चल रहे क्लिनिक में जा रही जच्चा-बच्चा की मौत के मामलों की सरकार जांच करवाएगी। विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान यह मुद्दा उठा तो सीएम नायब सिंह सैनी ने जांच का ऐलान किया।
पानीपत सिटी से भाजपा विधायक प्रमोद कुमार विज ने कहा कि ईएसआई अस्पताल खंडर बिल्डिंग में चल रहा है। श्रम विभाग ने श्रमिकों के उपचार के लिए जिले के 21 प्राइवेट अस्पतालों को पैनल पर रखा हुआ है। उन्हांेने आरोप लगाया कि ईएसआई अस्पताल से मरीजों को प्राइवेट अस्पतालों में रैफर कर दिया जाता है। कई अस्पतालों के नाम लेते हुए उन्होंने अस्पतालों में रेफर किए गए मरीजों की संख्या और सरकार द्वारा किए गए भुगतान पर सवाल उठाए।
श्रम मंत्री अनिल विज की गैर-मौजूदगी में विकास एवं पंचायत मंत्री कृष्ण लाल पंवार ने जवाब दिया। प्रमोद विज जब उनके जवाब से संतुष्ट नहीं हुए तो मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने मोर्चा संभाला। सीएम ने बताया कि पैनल पर शामिल प्राइवेट अस्पतालों को 34 करोड़ रुपये की राशि दी गई है। साथ ही, सीएम ने ऐलान किया कि पानीपत में 8 एकड़ जमीन पर ईएसआई अस्पताल बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि पानीपत में श्रमिकों की संख्या को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है।
प्रमोद विज ने कहा कि सरकार ने 21 प्राइवेट अस्पतालांे को 34 करोड़ का भुगतान किया है। इसमें से 26 करोड़ रुपये केवल चार अस्पतालांे को दिए गए हैं। उन्होंने इस मामले की विजिलेंस जांच की मांग करते हुए कहा कि प्राइवेट अस्पतालों से उन मरीजों की लिस्ट ली जाए, जिनका उपचार हुआ। इस लिस्ट का मिलान ईएसआई अस्पताल से रैफर किए गए मरीजों की लिस्ट से मिलान किया जाए। उन्होंने दावा करते हुए कहा कि इसमें बड़ा फर्जीवाड़ा निकल कर सामने आएगा। इसके बाद सीएम ने इस मामले की जांच करवाने का ऐलान किया।
नूंह के अस्पतालों की भी होगी जांच
पुन्हाना से कांग्रेस विधायक मामन खान इंजीनियर ने कहा कि नूंह जिला में बड़ी संख्या में प्राइवेट अस्पताल, क्लिनिक नियमों के विरुद्ध चल रहे हैं। उनके सवाल के जवाब में स्वास्थ्य मंत्री आरती सिंह राव ने कहा कि पिछले पांच वर्षों में पुन्हाना में एक भी माता और नवजात शिशु की डिलीवरी के दौरान मृत्यु होने की रिपोर्ट नहीं हुई है।
इस पर सवाल उठाते हुए मामन खान ने सदन में आंकड़े रखते हुए कहा कि 35 जच्चा-बच्चा की जान जाने की रिपोर्ट उनके पास है। उन्होंने इसे सरकारी रिपोर्ट बताते हुए इसकी जांच करवाने की मांग की। सीएम नायब सिंह सैनी ने मामन खान की मांग को स्वीकार करते हुए कहा कि सरकार इस मामले की जांच करवाएगी और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।