अम्बाला शहर, 22 मई (हप्र)
अम्बाला की सेंट्रल जेल में सजा काट रहे शेरू नामक एक कैदी ने कोरोना पर एक गाना बनाया है जिसके प्रारंभिक बोल हैं : कोरोना तों बच बंदया, पता नहीं कदों किनूं लग जाना। मुंह ते मास्क लगा ले तूए नहीं ते तूं दुनिया तो जाना। इस गाने को जेल के रेडियो ने आवाज की दुनिया से जोड़ दिया है। अम्बाला केंद्रीय जेल और तिनका-तिनका फाउंडेशन द्वारा आज जारी किए गए एक छोटे से वीडियो में शेरू की इस प्रतिभा को पेश किया गया है। शेरू ने यह गाना कोरोना के मुद्दे पर जागरुकता लाने के लिए लिखा है। करीब 40 साल का शेरू केंद्रीय जेल में 10 साल की सजा पर है जिनमें से वह साढ़े तीन साल की सजा पूरी कर चुका है। दिसंबर 2020 में राज्य की जेलों के 21 बंदियों के साथ उसका चयन भी जेल रेडियो के जॉकी के तौर पर हुआ था। उसकी दिलचस्पी गाने, लिखने और खुद गाने में ज़्यादा थी, इसलिए जेल रेडियो में उसे गानों के काम की जिम्मेदारी दी गई।
शेरू के इस गाने को रिलीज करते हुए जेल अधीक्षक लखबीर सिंह ने कहा कि सुबह के समय जब भी वह जेल के राउंड पर निकलते हैं तो यह देखकर बहुत अच्छा लगता है कि सभी 6 बंदी रेडियो रूम में बैठकर किसी सृजन में मग्न हैं।
जेल सुधारक और हरियाणा की जेलों में रेडियो लाने की पहल करने वाली डा. वर्तिका नन्दा का कहना है जेल के रेडियो ने बंदियों को खुशियां प्रदान की हैं। अब अपनी प्रतिभा को लेकर नए प्रयोग कर रहे हैं। यह गाना हरियाणा की सभी जेलों में रेडियो के जरिए सुनाया जाएगा ताकि बाकी बंदियों को भी इससे प्रेरणा मिले।