करनाल, 21 दिसंबर (हप्र)
करनाल जिला प्रशासन ने सरकार का 200 करोड़ का चावल डकार गये राइस मिल मालिकों की सम्पत्ति कुर्क करके उसने नीलाम करने की तैयारी कर ली है। खाद्य एवं आपूर्ति विभाग द्वारा प्रथम चरण में जिला राजस्व अधिकारी को नीलामी करवाने के लिए उन 16 मिलों की फाइल भेजी गई है, जिनकी कुर्की हो चुकी है।
सीएमआर का चावल नहीं लौटाने वाले मिलरों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। आरोप है कि उक्त 16 मिलर सरकार का करीब 60 करोड़ 48 लाख 58 हजार रुपए का चावल डकार गए हैं। इनसे रिकवरी नहीं होने के चलते प्रशासन की तरफ से इनकी प्रॉपर्टी बेचकर राशि पूरी करने की कार्रवाई शुरू की गई की है।
जिला उपायुक्त निशांत कुमार यादव ने कुर्की किए जाने और नीलामी प्रक्रिया शुरू करने की पुष्टि करते हुए बताया कि कुल 34 डिफाल्टर मिल मालिक हैं। बाकी 18 पर भी इसी अंदाज में सख्त कार्रवाई होगी। उन्होंने बताया कि यह राशि 6 साल तक पुरानी है। इस साल जिन मिलों को चावल दिया गया है। उनसे 40 फीसदी चावल की वापसी दिसंबर में ही होनी है।
इसी के साथ विभिन्न विभागों की कमेटियां बनाकर उनकी फिजीकल वैरिफिकेशन करवाई जाएगी ताकि अब कोई घोटाला न कर सके। आरोप है कि प्रदेश में डिफाल्टर मिलर्स सरकार का करोड़ों रुपए का चावल डकारने के बाद भी फर्में बदलकर अन्य मिलों में पार्टनरशिप में कारोबार करते आए हैं।
जानकारी के अनुसार 34 राइस मिलरों पर 200 करोड़ रुपए का चावल बकाया है। इनमें से वर्ष 2013-14 में 16 मिलर्स ने, वर्ष 2014-15 में 6 मिलों, वर्ष 2015-16 में 4 मिलों, वर्ष 2016-17 में एक मिल, वर्ष 2017-18 में 3 मिलों, वर्ष 2019-20 में 4 मिलर्स ने चावल में घोटाला किया है और सीएमआर का चावल नहीं लौटाया है।