मदन लाल गर्ग/हप्र
फतेहाबाद, 9 मई
जजपा में खुली बगावत होने के आसार बढ़ गए हैं। विधायक बहुमत से पूर्व डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला को विधायक दल के नेता पद से हटा सकते हैं। इस संबंध में टोहाना के विधायक एवं पूर्व मंत्री देवेंद्र बबली प्रयास कर रहे हैं। बृहस्पतिवार को बबली ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि दुष्यंत चौटाला परिवार की रोज-रोज की धमकियों से बचने के लिए यह जरूरी है। इसके लिए कानूनी राय ली जा रही है। उनका कहना है कि जजपा के अधिकांश विधायक कांग्रेस या भाजपा से टिकट न मिलने पर एक्सीडेंटली जजपा की टिकट पर लड़े थे। ऐसे में उन विधायकों को कोई जजपा का वोट बैंक नहीं मिला, सभी अपने रसूख व दम पर जीते हैं। बबली ने कहा कि टोहाना हलके में उन्हें मिले 1 लाख वोट में जजपा कैडर के 5 हजार वोट हो सकते हैं, बाकी तो उन्होंने निजी संबंधों के आधार पर हासिल किए हैं।
बबली ने दावा किया कि भाजपा के साथ समझौते में उनका बहुत बड़ा योगदान था। दुष्यंत चौटाला का मन भाजपा सरकार में शामिल होने का पचास फीसदी था। उन्होंने सलाह दी थी कि बिना सरकार में शामिल हुए हम अपने हलके व प्रदेश का विकास नहीं कर सकते।
बबली ने कहा कि दुष्यंत चौटाला अपनी मनमानी व घमंड के कारण विधायकों को एकजुट नहीं रख पाए। देवेंद्र बबली ने कहा कि दुष्यंत चौटाला को जजपा विधायक दल का नेता उन्होंने तथा बाकी विधायकों ने चुना था, तभी वे डिप्टी सीएम बने। अब हम बहुमत से उन्हें हटा सकते हैं। इसके बाद हो सकता है कि दादा गौतम या ईश्वर सिंह को जजपा का नेता चुना जाए।