पुरुषोत्तम शर्मा/हप्र
सोनीपत, 4 जनवरी
सरकार से लगातार टूटती संवाद की डोर के बीच किसानों ने छह जनवरी को ट्रैक्टर यात्रा निकालने का पहले से ऐलान कर रखा है। अब इस यात्रा को लेकर किसानों और जिला प्रशासन में टकराव के आसार नजर आने लगे हैं। वजह यह बताई गई है कि किसानों के पास ऐसी सूचना पहुंची है कि प्रशासन उन्हें केजीपी-केएमपी पर चढ़ने से रोकने की तैयारी कर रहा है। ऐसे में दोनों पक्षों में टकराव की आशंका है। अगर ऐसा हुआ, तो आंदोलन उग्र रूप ले सकता है।
इस बीच किसानों ने साफ कर दिया है कि वह किसी सूरत में भी पीछे हटने वाले नहीं है। छह जनवरी को हर हाल में ट्रैक्टर यात्रा की जाएगी। इसके लिए गांव-गांव अभियान पहले ही चलाया हुआ था। अब तो छह की सुबह किसान ट्रैक्टर लेकर शाहजहापुर बॉर्डर पर किसानों के पास पहुंचेंगे। किसानों का कहना है कि उनके पास ये इनपुट आया है कि केजीपी-केएमपी पर फोर्स बढ़ाने के साथ-साथ भारी पत्थर लगाकर प्रशासन रास्ता रोकने की तैयारी कर रहा है।
यह जरूर है कि कई दिनों से पुलिस के यहां अतिरिक्त इंतजाम किए जा रहे हैं। हालांकि अभी तक अतिरिक्त पुलिस बल यहां तैनात नहीं किया गया है। साथ ही प्रशासन का कहना है कि रूटीन में जवानों को बरसात व सर्दी से बचाने के लिए टैंट लगाए गए हैं। ऐसे करीब दस जगह पर पुलिस ने एहतियाती तौर पर सुरक्षा घेरे पहले से बना रखे हैं। यह हो सकता है कि पहले केजीपी-केएमपी के पास जरूरत कम हो, अब इन टैंटों को लगाया जा रहा हो।
घाटी समर्थन मांगने जाएंगे चढूनी : इधर, सरकार के साथ सकारात्मक वार्ता नहीं रहने के कारण पहले से तय कार्यक्रम के तहत भाकियू हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी घाटी में मदद मांगने के लिए जाएंगे। भाकियू नेता चढूनी का कहना है कि सरकार से बातचीत में कोई फैसला नहीं हो पाया है। ऐसे में वह सबसे पहले जम्मू कश्मीर में जाकर वहां के किसानों को जागरूक करेंगे। किसानों को बताया जाएगा कि किस तरह से कृषि कानूनों से किसानों की जमीन छीनने की तैयारी है और किसानों को क्या नुकसान होगा। भाकियू के जेएंडके अध्यक्ष हामिद मलिक की अगुवाई में वहां अभियान चलाया जाएगा।
बाइक पर पहुंचे युवा
तीन कृषि कानूनों को रद्द कराने की मांग पर कुंडली बार्डर पर बैठे किसानों को समर्थन देने के लिए युवाओं ने बाइक रैली निकाल कर सरकार के खिलाफ विरोध प्रकट किया है। बाइक रैली में शामिल हुए अधिकतर युवा दिल्ली के विभिन्न क्षेत्रों में रहने वाले हैं। बाइक रैली निकाल रहे युवाओं ने बताया कि उन्होंने बाइक रैली निकालने के लिए फैसला दिल्ली में लिया था। फैसला लेने के बाद सभी साथियों की इस संबंध में जानकारी दी गई। इसके बाद सभी अमृतसर में एकत्रित हुए और वहीं से बाइक रैली निकालनी शुरू कर दी गई। जैसे-जैसे बाइक रैली कुंडली बॉर्डर की तरफ बढ़ती गई वैसे-वैसे युवा उनके साथ जुड़ते गए।