बैंयापुर गांव में वोटिंग कराने के मामले को लेकर अदालत जाने की तैयारी
कांग्रेस प्रत्याशी कमल दिवान ने बताया कि बैंयापुर गांव नगर निगम सीमा के बाहर आता है। वर्ष 2022 में गांव में पंचायत चुनाव के बाद यहां एक निर्वाचित सरपंच कार्यरत है। वर्ष 2015 में वोटिंग नोटिफिकेशन संख्या 18/82/2015-3सी1 के तहत बैंयापुर को नगर निगम में शामिल किया गया था, लेकिन 26 जुलाई 2018 को नोटिफिकेशन संख्या 18/156/2018-3सी 1 के माध्यम से इसे नगर निगम की सीमा से हटा दिया गया था। गांव में पहले से ही एक पंचायत काम कर रही है फिर भी यहां नगर निगम चुनाव के लिए वोटिंग करवाई गई जो नियमों के विरुद्ध है। उन्होंने इसे सत्ता दल की साजिश बताते हुए प्रशासनिक अधिकारियों की मिलीभगत का आरोप लगाया और कहा कि ये सब उप चुनाव के नतीजों को प्रभावित करने के लिए किया गया।
कमल दिवान ने चुनाव आयोग से मांग की है कि बैंयापुर गांव के बूथ नंबर 228, 229, 230, 231 और 232 पर डाले गए वोटों की गिनती न की जाए, ताकि चुनावी प्रक्रिया निष्पक्ष और पारदर्शी बनी रहे। इस मामले की जांच करवाई जाए और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।
कांग्रेस लीगल संयोजक अधिवक्ता मुकेश पन्नालाल ने कहा कि चुनाव आयोग की भूमिका पर पहले ही आरोप लगते रहे हैं। इस मामले में तथ्य उपलब्ध कराए जाने के बाद चुनाव आयोग या प्रशासन को आगे आकर मामले की तस्वीर साफ करनी चाहिए थी। मगर चुनाव आयोग और प्रशासन ने चुप्पी साध रखी है। यह चुनावी प्रक्रिया व लोकतंत्र के लिए घातक है।