चंडीगढ़, 15 दिसंबर (ट्रिन्यू)
हरियाणा कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने अब मिलकर कथित भर्ती घोटाले में राज्य की भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार को घेरना शुरू कर दिया है। पिछले दिनों कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला व किरण चौधरी ने संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस कर हरियाणा लोकसेवा आयोग व हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग की भर्तियों में धांधली व नौकरियों को नीलाम करने के आरोप जड़े थे।
बुधवार को कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष कुमारी सैलजा व रणदीप सुरजेवाला ने इसी मुद्दे पर चंडीगढ़ स्थित प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में ज्वाइंट प्रेस कांफ्रेंस की। कांग्रेस नेताओं की यह नई ‘जुगलबंदी’ प्रदेश के राजनीतिक गलियारों में भी चर्चाओं का केंद्र बनी हुई है। माना जा रहा है कि एंटी हुड्डा खेमे के नेता अब एक ‘प्लेटफार्म’ पर आकर ‘लड़ाई’ लड़ रहे हैं।
प्रेस कांफ्रेंस में सैलजा व सुरजेवाला ने भर्तियों में हुई गड़बड़ के लिए सीधे तौर पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर पर गंभीर आरोप जड़े। इतना ही नहीं, भर्ती घोटाले में शामिल लोगों को बचाने के आरोप भी सीएम पर लगाए। सैलजा ने कहा कि अनिल नागर, जसबीर बल्हारा हो या कोई और भर्तियों के घोटाले में हर बार नाम बदल जाते हैं, लेकिन पिछले सात वर्षों से धंधा वही चल रहा है।
सैलजा व रणदीप ने कहा कि हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग ने पुलिस कांस्टेबल की भर्ती के लिए अब फिजिकल स्क्रीनिंग टेस्ट का शेड्यूल जारी कर दिया है। यहां बता दें कि कांस्टेबल भर्ती का ही पेपर लीक हुआ था। कुल 24 पेपर उम्मीदवारों को दिए गए। इनमें से 22 पेपर मीडिया के सामने भी कांग्रेस नेताओं ने सार्वजनिक किए। उन्होंने कहा कि फिजिकल स्क्रीनिंग टेस्ट में धांधली करने की भी तैयारी हो गई है। आमतौर पर फिजिकल टेस्ट पुलिस विभाग द्वारा लिया जाता था, लेकिन इस बार के टेस्ट में पुलिस के जवान केवल सुरक्षा के लिए तैनात रहेंगे। फिजिकल स्क्रीनिंग टेस्ट का जिम्मा आयोग ने प्राइवेट एजेंसी को सौंप दिया है। इतना ही नहीं, इस पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी भी नहीं होगी। सुरजेवाला ने कहा कि कांस्टेबल पद का फिजिकल टेस्ट क्लीयर करवाने के रेट भी तय हो गए हैं। ऐसा प्रदेश के कई युवाओं ने उन्हें बताया है।
दबाव के बाद जारी किए नोटिस
कांग्रेस नेताओं ने कहा कि जब एचसीएस के प्री-एग्जाम और डेंटल सर्जन के एग्जाम में धांधली साबित हो गई तो आयोग ने इन भर्तियों को रद्द क्यों नहीं किया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के दबाव के बाद अब आयोग ने उन कुछ उम्मीदवारों को नोटिस जारी किए हैं, जिन्होंने पेपर पास करने के लिए पैसे दिए। उन्होंने कहा कि जिन लोगों का चयन पैसे देकर हुआ है या पेपर पास हुए हैं, उनके खिलाफ भी एफआईआर दर्ज होनी चाहिए।
चेयरमैन को जांच में किया जाए शामिल
कुमारी सैलजा और रणदीप सुरजेवाला नेताओं ने मांग की कि हरियाणा लोकसेवा आयोग के चेयरमैन आलोक वर्मा व आयोग सदस्यों को जांच में शामिल किया जाए। उन्होंने कहा कि जब बल्हारा की कंपनी को पूर्व चेयरमैन पचनंदा ने ब्लैक लिस्ट कर दिया था तो आलोक वर्मा ने उसी कंपनी को फिर से क्यों और किन शर्तों पर काम दिया। बल्हारा की कंपनी को पेपर चेकिंग, स्कैनिंग से लेकर तमाम तरह के काम दिए हुए थे। कांग्रेस नेताओं ने कहा कि अनिल नागर को टर्मिनेट करने के आदेशों में सरकार ने खुद माना है कि अनिल नागर की देखरेख में रखे भर्तियों के रिकार्ड की कोई वैधता नहीं बची है। इसके बाद भी आयोग ने मंगलवार को 10 अलग-अलग पदों के पेपरों की भर्ती प्रक्रिया पूरी करने के आदेश दिए हैं। इससे साफ है कि सरकार भर्ती घोटाले को पूरी तरह से रफा-दफा कर रही है।
कांस्टेबल भर्ती पर चेयरमैन का जवाब
जहां दौड़ होगी, वहां हर 100 मीटर पर सीसीटीवी कैमरे
कांग्रेस नेताओं के गंभीर आरोपों पर जब हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग के चेयरमैन भोपाल सिंह खदरी से बात की गई तो उन्होंने कहा कि ये आरोप पूरी तरह से गलत हैं। फिजिकल स्क्रीनिंग टेस्ट की पूरी वीडियोग्राफी होगी। पंचकूला के ताऊ देवीलाल स्टेडियम में जहां दौड़ होगी, वहां हर 100 मीटर पर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। हर उम्मीदवार के पैर में एक डिवाइस लगाई जाएगी। इससे उसके दौड़ शुरू करने से लेकर मिड प्वाइंट और आखिरी छोर तक पहुंचने का पूरा टाइम होगा। यह कंप्यूटरीकृत सिस्टम होगा। वीडियोग्राफी भी पूरी प्रक्रिया की करवाई जाएगी।
कांग्रेस को रास नहीं आ रहा बदलाव
कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला के आरोपों पर भाजपा ने पलटवार किया। भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रवीण आत्रेय ने कहा कि लगातार दो चुनाव हारने के बाद सुरजेवाला हरियाणा की राजनीति में दरकिनार हो चुके हैं। अपनी राजनीतिक जमीन पाने के लिए और राहुल गांधी के नजरों में बने रहने के लिए लगातार झूठ का सहारा लेकर हरियाणा सरकार की आलोचना कर रहे हैं। भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि सुरजेवाला लगातार झूठ बोल रहे थे कि पुलिस भर्ती में वीडियोग्राफी नहीं होगी, जबकि हर भर्ती की वीडियोग्राफी होती हैं। मनोहर सरकार ने सत्ता में आने के बाद प्रदेश में नौकरियों में हो रहे भ्रष्टाचार पर चोट कर योग्यता के आधार पर युवाओं को नौकरी देकर व्यवस्था को पूरी तरह से बदल दिया। यह बदलाव कांग्रेस को रास नहीं आ रहा है।