जींद, 16 फरवरी (हप्र)
मंगलवार को बसंत पंचमी पर्व पर मां सरस्वती सब पर ज्ञान की बौछार करें, इसके लिए जींद शहर में महाभारतकालीन जयंती देवी मंदिर में मंगलवार सुबह अलख जगाई गई। मंदिर के पूजारी नवीन कुमार शास्त्री ने बताया कि गुप्त नवरात्रों में बसंत पंचमी पर्व का अपना अलग ही महत्व हैं। उन्होंने बताया कि बसंत पंचमी पर्व पर मंदिर में एक क्विंटल खीर का प्रसाद वितरण किया गया। इसके अलावा जरूरतमंदों को भोजन और नंदियों को चारा खिलाया गया। इस मौके पर आचार्य नरेश कौशिक, राम सुनेजा, सागर कौशिक सहित अन्य श्रद्धालु मौजूद थे।
रोहिल्ला संघ ने किया कार्यक्रम
कनीना (निस): बंसत पंचमी पर कनीना में विश्व रोहिल्ला संघ व नामदेव समाज द्वारा कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिला उपाध्यक्ष नरेश रोहिल्ला ने कहा कि रोहिल्ला समाज राष्ट्रप्रेम की भावना पैदा करने के लिए समाज द्वारा समय-समय पर विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। बंसत पंचमी पर प्रसाद वितरण किया गया।
अग्रवाल धर्मशाला में कार्यक्रम
सफीदों (निस): अग्रवाल महिला वैश्य समाज सफीदों इकाई के तत्वावधान में नगर की अग्रवाल धर्मशाला में बसंत पंचमी धूमधाम से मनाई गई। कार्यक्रम की अध्यक्षता अग्रवाल वैश्य समाज की स्थानीय अध्यक्षा सरोज गोयल ने की।
वैश्य आर्य कन्या कालेज में हवन-यज्ञ
बहादुरगढ़ (निस): वैश्य आर्य कन्या महाविद्यालय में बसंत पंचमी पर मां सरस्वती का ध्यान करते हुए हवन-यज्ञ का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में एसडीएम बहादुरगढ़ हितेन्द्र कुमार ने शिरकत की। कार्यक्रम की अध्यक्षता संजीत कौर द्वारा की गई। एसके मलिक की गरिमामयी उपस्थिति रही।
नारनौल जिले में 1300 शादियां
नारनौल (हप्र) : बसंत पंचमी के पर्व पर मंगलवार को अबुझ सावा होने के कारण शादियों की धूम रही। बाजार व सड़क मार्ग पर गाड़ियों की लंबी कतारों के कारण लोगों को जाम का सामना करना पड़ा। मंगलवार को करीब 1300 जोड़े विवाह जीवन के बंधन में बंधे। पंडित क्रांति निर्मल ने बताया कि माघ शुक्ल पक्ष की पंचमी को बसंत पंचमी कहा जाता है। सनातन धर्म में इस पर्व का विशेष महत्व है, क्योंकि इस दिन ही मां सरस्वती का प्राकट्य हुआ था।