दिनेश भारद्वाज/ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 20 फरवरी
हरियाणा की बिजली वितरण कंपनियों ने प्रदेश में स्थापित सभी पावर सब-स्टेशन की जिला व हलकावार सूची बनानी शुरू कर दी है। प्रदेश में जिन सब-स्टेशनों का विस्तार होना है और नये सब-स्टेशन बनने हैं, उनकी भी लिस्ट इसी हिसाब से बनेगी। यह सूची प्रदेश के सभी सांसदों व विधायकों को भेजी जाएंगी ताकि वे यह जान सकें कि उनके निर्वाचन क्षेत्र में बिजली सप्लाई की क्या स्थिति है।
निगमों ने स्पष्ट कर दिया है कि अब जनप्रतिनिधियों की ‘मनमर्जी’ से नहीं बल्कि स्थानीय जरूरतों व डिमांड के हिसाब से नये सब-स्टेशन बनेंगे। एक सब-स्टेशन के निर्माण पर आने वाली करोड़ों रुपये की लागत को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है। बिजली कंपनियों के प्रबंध निदेशकों के साथ हुई समीक्षा बैठक में विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव पीके दास ने इस बाबत अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं।
हरियाणा विद्युत प्रसारण निगम लिमिटेड तथा उत्तर व दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम के अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे नये सब-स्टेशन, मौजूदा सब-स्टेशन के विस्तार की प्रपोजल व इससे जुड़े बजट के बारे में हलका व जिलावार जनप्रतिनिधियों को सूचित करें। उन्हें यह भी कहा गया है कि अगर मौजूदा प्रपोजल में जनप्रतिनिधि किसी तरह का सुझाव देते हैं और वह लागू करने योग्य है तो उस पर भी अमल हो। यह फैसला इसलिए लिया है क्योंकि पावर डिमांड तो बढ़ रही है, लेकिन लोग अपना लोड नहीं बढ़वा रहे। बिजली विभाग ने फैसला लिया है कि नये सब-स्टेशन के निर्माण व विस्तार को लेकर बिजली निगम अब अपने स्तर पर फैसला लेंगे। किसी भी तरह की दखल नहीं होने दी जाएगी। सीएम का भी इस मामले में साफ स्टैंड है। निगमों की आर्थिक स्थिति भी सीएम के कड़े फैसलों की वजह से ही सुधरी है। ‘म्हारा गांव-जगमग गांव’ योजना के लागू होने के बाद लोगों में बिजली बिल भरने की प्रवृत्ति भी बढ़ी है। बिजली चोरी कम हुई है।
6 वर्षों में 3171 करोड़ खर्चे
हरियाणा विद्युत प्रसारण निगम लिमिटेड ने अक्तूबर-2014 से दिसंबर-2020 के दौरान राज्य में 51 नये सब-स्टेशन स्थापित किए, जबकि 421 सब-स्टेशन की क्षमता में विस्तार किया। 1628 किमी लम्बाई की नई बिजली लाइनें बिछाई गईं। निगम ने इस अवधि में इन कार्यों पर 3171 करोड़ रुपये खर्च किए। वहीं 2020-21 के दौरान उत्तर व दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम ने 33 केवी के 65 नये सब-स्टेशन स्थापित किए और इतने ही सब-स्टेशन की क्षमता में विस्तार किया। 465 किमी लम्बाई की नई लाइनें दोनों निगमों ने एक साल में डाली हैं।