अरविंद शर्मा/निस
जगाधरी : कोरोना महामारी ने पूरी दुनिया को महीनों बेहाल करके रखा। इससे हर क्षेत्र की व्यवस्था पटड़ी से उतरी हुई है। देश-विदेश में प्रसिद्ध जगाधरी की बर्तन कारोबार भी इससे अछूता नहीं रहा है। महामारी ने बर्तन कारोबार को एक और झटका दिया है।
राज्यस्तरीय मेला कपाल मोचन पर लाखों की संख्या में श्रद्धालु कई राज्यों से पहुंचते हैं। परंपरा के अनुसार ज्यादातर श्रद्धालु वापस घर जाते समय बर्तन खरीदना शुभ मानते हैं। मेला समापन पर जगाधरी में लाखों श्रद्धालु बर्तन खरीदने पहुंचते हैं। इनमें पंजाब, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान तक के श्रद्धालु होते हैं। श्रद्धालु खास तौर पर जग, थाली, मग, तवी, परात, कढाई, टब, बेला, बाल्टी, साग काटने की मशीन, गिलास व लोटे खरीदते हैं। महामारी के चलते इस बार कपाल मोचन में मेला नहीं लगेगा। बिलासपुर में मेला न लगने से जगाधरी में भी बर्तनों की विशेष बिक्री नहीं होगी। इससे बर्तन कारोबारी मायूस हैं। वहीं दी जगाधरी सप्लायर्स एवं मैटल ऐसोसिएशन के महासचिव सुंदर लाल बतरा, व्यापारी नवीन कुमार आदि का कहना है कि पहले से चल रही मंदी को कोरोना महामारी ने और ज्यादा कर दिया है। कपाल मोचन मेला न लगने से भी बर्तन बाजार का काम काफी प्रभावित रहेगा।