चंडीगढ़, 30 जून (ट्रिन्यू)
हरियाणा की जेलों में बरसों से बंद 57 कैदियों को समय पूर्व रिहाई मिल सकती है। ये वे कैदी हैं, जो संगीन मामलों में उम्रकैद की सजा काट रहे हैं। पिछले कई बरसों से इनके अच्छे आचरण को देखते हुए स्टेट लेवल कमेटी ने इन्हें समय पूर्व रिहाई देने पर मंथन किया है। कमेटी अपनी सिफारिश मुख्यमंत्री को भेजेगी। इसके बाद सीएमओ के लेवल पर निर्णय होगा कि इनमें से कितनों को समय पूर्व रिहाई दी जानी है।
इस संदर्भ में शुक्रवार को कमेटी के चेयरमैन और जेल मंत्री चौ़ रणजीत सिंह की अध्यक्षता में यहां बैठक हुई। बैठक में कमेटी सदस्यों के रूप में गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव टीवीएसएन प्रसाद, जेल विभाग के महानिदेशक मोहम्मद अकील व एलआर नरेंद्र सूरा मौजूद रहे। वहीं विभाग की ओर से आईजी (जेल) जगजीत सिंह भी इस बैठक में उपस्थित रहे। बैठक के मुख्य एजेंडे में 51 कैदियों की जल्द रिहाई पर मंथन हुआ। इसी दौरान एडिशनल एजेंडे में 6 और कैदियों को लेकर चर्चा हुई। कमेटी ने सभी 57 मामलों में एक-एक करके मंथन किया। मुख्यमंत्री के स्तर पर निर्णय लिया जाएगा कि इनमें से कितने कैदियों को समय पूर्व रिहाई का लाभ मिल सकता है और कितनों को नहीं। संविधान में भी इस तरह के नियम हैं कि उम्रकैद वाले कैदियों की सजा को कम किया जा सकता है। सरकार के पास भी ऐसे अधिकार हैं। इसीलिए स्टेट लेवल की कमेटी बनाई हुई है। सरकार अगर चाहे तो अच्छे व्यवहार के आधार पर उम्रकैद वाले कैदियों को भी रिहा कर सकती है। यहां बता दें कि जिन कैदियों के मामलों को लेकर मंथन किया गया उनमें से अधिकांश हत्या, रेप, रेप के बाद हत्या, डकैती और हत्या से जुड़े मामलों में शामिल रहे हैं।