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‘शत चंडी के पाठ से होता है सकारात्मक ऊर्जा का संचार’

मंडी अटेली, 12 अक्तूबर (निस) शरदीय नवरात्र पर महासर माता मंदिर में 9 दिनों तक चले शतचंडी यज्ञ शनिवार को संपन्न हो गया। शत चंडी के समापन पर आचार्य ललित आचार्य ने हवन व पूजन करवा कर विधिवत रूप से...

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मंडी अटेली, 12 अक्तूबर (निस)

शरदीय नवरात्र पर महासर माता मंदिर में 9 दिनों तक चले शतचंडी यज्ञ शनिवार को संपन्न हो गया। शत चंडी के समापन पर आचार्य ललित आचार्य ने हवन व पूजन करवा कर विधिवत रूप से पूजा पाठ अर्चना हुई। शतचंडी के मुख्य यजमान मनबीर लाबा, दीपक कुमार, गितांश, हिताार्थ, जयक्श, अदवित लांबा रहे। शतचंडी यज्ञ का आचार्य संजय, आचार्य संजय शास्त्री व 11 पंडितों ने पूजन करवाया। आचार्य संजय शास्त्री ने बताया कि रामकुंवार लांबा परिवार पिछले 36 वर्षों से अपनी धर्मशाला में शत चंडी यज्ञ करवा रहे है। शत चंडी का पाठ प्रभावशाली यज्ञ व अनुष्ठान होता है, जिसमें नवरात्रि के दौरान हर दिन दुर्गा सप्तशती पाठ व मंत्र जाप की शक्ति भी शामिल है। शतचंडी हवन एक विशिष्ट पूजा और यज्ञ है। इसमें दुर्गा सप्तशती मंत्र की शक्ति है और लोग नवरात्रि के दौरान इसका जाप करते हैं। पूजा और यज्ञ सभी ग्रहों के बुरे प्रभावों को समाप्त करता है। नवमी के मौके पर भंडारा व हवन होता है। जिसमें बड़ी संख्या में भक्त लोग हिस्सा ले कर अपनी मनोकामना मांगते है। शत चंडी यज्ञ मंत्रों की ऊर्जा के साथ मिलाकर एक सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है। मुख्य यजमान मनबीर लांबा ने बताया कि शतचंडी यज्ञ के समापन पर नवमी हवन व कंजका पूजन के बाद भंडारा भी हुआ।

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