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प्रदेश के 6 जिलों के पुलिसकर्मी एक-एक दिन का देंगे वेतन

बीमारी पीड़ित कॉन्स्टेबल के 8 माह के बेटे को बचाने की मुहिम
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14.50 करोड़ की दरकार... अभी 38 लाख ही जुटे, एडीजीपी व एसपी ने कर्मरियों को लिखा पत्र

मदन लाल गर्ग/हप्र

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फतेहाबाद, 21 जून

फतेहाबाद की साइबर सेल में कार्यरत कॉन्स्टेबल राजेश के 8 महीने के बेटे युवांश का जीवन बचाने के लिए अब 6 जिलों की पुलिस जुट गई है। स्विटजरलैंड से इंजेक्शन मंगवाने के लिए 14 करोड़ 50 लाख रुपए एकत्रित करने के लिए इन जिलों के पुलिसकर्मी एक दिन का वेतन देंगे। एडीजीपी से लेकर एसपी तक पुलिसकर्मियों को स्वेच्छा से एक दिन का वेतन युवांश के लिए देने को लेकर पत्र लिखे गये।

रोहतक के एडीजीपी वाई पूर्ण कुमार ने रोहतक, भिवानी और चरखी दादरी के एसपी को पत्र लिखा है तो कैथल की एसपी आस्था मोदी और सिरसा के एसपी मयंक गुप्ता ने भी लेटर लिखकर अपने जिले के पुलिस कर्मियों को एक दिन का वेतन युवांश के इलाज के लिए देने का अनुरोध किया है। जिला फतेहाबाद के पुलिसकर्मी भी अपने स्तर पर मदद कर रहे हैं।

बता दें कि सोमवार को कॉन्स्टेबल राजेश हिसार के एडीजीपी केके राव से भी मिलेंगे, ताकि हिसार रेंज के जिलों में भी लेटर जारी हो सके। इससे पहले आदमपुर के विधायक चंद्रप्रकाश भी सीएम नायब सैनी को वित्तीय सहायता के लिए लेटर लिख चुके हैं। हिसार के गांव जाखोद खेड़ा निवासी राजेश और फूड सप्लाई डिपार्टमेंट में कार्यरत क्लर्क किरण के 8 महीने का युवांश दुनिया की सबसे खतरनाक बीमारी से जूझ रहा है। यह बीमारी स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी टाइप-1 यानि एसएमए है। जिसका इलाज करने के लिए 14.50 करोड़ रुपए का इंजेक्शन लगाया जाता है। यह इंजेक्शन स्विट्जरलैंड में जेनेवा से मिलता है। प्रदेश सरकार से भी राजेश ने मदद की गुहार लगाई हुई है। पुलिस के साथ-साथ फूड सप्लाई डिपार्टमेंट के कर्मचारी भी सहयोग कर रहे हैं। सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफार्म पर युवांश का जीवन बचाने के लिए फंड एकत्रित करने की मुहिम जोर पकड़ रही है। शुक्रवार को भी काफी लोगों ने अपने सामर्थ्य के अनुसार बार कोड स्कैन करके पैसा जमा करवाया है। राजेश के अनुसार, अब तक 38 लाख रुपए एकत्रित हुए हैं। इसके लिए राजेश ने मदद के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, सीएम नायब सैनी, अभिनेता सलमान खान व टाटा फाउंडेशन को भी ट्वीट किया है। एक्टर सोनू सूद, मंत्री अनिल विज, सांसद नवीन जिंदल, उद्योगपति गौतम अडाणी, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय से भी मदद की गुहार लगाई है। इसके अलावा राजेश ने मांग की कि यह जेनेटिक टेस्ट सरकार को अनिवार्य करना चाहिए, ताकि बच्चा कंसीव होने के समय पता चल जाए तो इलाज आसान हो जाता है। सरकार को सरकारी स्तर पर भी इंजेक्शन फ्री लगवाने का प्रावधान करना चाहिए।

 

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