फरीदाबाद के धौज गांव में क्राइम ब्रांच और स्थानीय पुलिस की टीमों ने शनिवार को अचानक से सर्च अभियान चलाकर, मस्जिद, दुकानों, होटलों, घरों, गोदाम की चैकिंग की। दिल्ली ब्लास्ट को लेकर ये सर्च अभियान चलाया गया। पुलिस द्वारा अचानक से चलाए गए सर्च आपरेशन से लोगों में हड़कंप मच गया। दिल्ली ब्लास्ट को लेकर गांव धौज से कई लोगों को हिरासत में लिया गया है।
एनआईए की टीम ने इसी गांव के एक मकान से यूरिया को पीसने वाली चक्की और रिफाइन करके अमोनिया नाइट्रेट को अलग करने वाली इलेक्ट्रानिक मशीन को बरामद किया था। इसके अलावा पल्ला, सराय ख्वाजा, शहर बल्लभगढ़ व सूरजकुंड अंतर्गत क्षेत्र में चैकिंग की गई है। शनिवार की सुबह करीब 9 बजे अचानक से क्राइम ब्रांच और स्थानीय पुलिस की टीमें गांव में पहुंची। जहां पर टीमों ने बाजार में बने कबाड़ के गोदाम को चैक करना शुरू किया। गोदान के साथ पुलिस ने बाजार की दुकान और होटलों को भी चैक किया। इसके बाद गांव मस्जिद के पास बने घरों की जांच की गई। हालांकि पुलिस को जांच के दौरान किसी प्रकार का कोई संदिग्ध वस्तु नहीं मिली। पुलिस की अचानक से हुई छापेमारी से लोगों में हड़कंप मंच गया। पुलिस प्रवक्ता यशपाल ने बताया कि पुलिस की टीमों ने संयुक्त रूप से सर्च अभियान चलाया हैए जो आगे भी जारी रहेगा।
नैक के नोटिस पर यूनिवर्सिटी ने दी सफाई
नेशनल असेसमेंट एंड एक्रिडिटेशन काउंसिल की ओर से मिले नोटिस पर अल-फलाह यूनिवर्सिटी ने सफाई दी है। यूनिवर्सिटी ने कहा कि उनकी वेबसाइट पर ए ग्रेड मान्यता दिखाई देने का कारण तकनीकी डिजाइन एरर था। विश्वविद्यालय प्रबंधन ने बताया कि वेबसाइट से यह जानकारी काफी पहले हटा दी गई थी, लेकिन एक डिजाइन त्रुटि के कारण यह फिर से दिखाई देने लगी। यूनिवर्सिटी ने इस गलती के लिए माफी मांगी है और इसे अनजाने में हुई चूक बताया है। गौरतलब है कि नैक ने विश्वविद्यालय को 15 दिन का नोटिस जारी किया था, जिसमें कहा गया था कि यूनिवर्सिटी की ए प्लस मान्यता 2018 में ही समाप्त हो चुकी है, इसके बावजूद यह जानकारी वेबसाइट पर प्रदर्शित की जा रही थी, जिससे छात्रों और अभिभावकों के भ्रमित होने की आशंका थी। नैक ने इसे गंभीर मानते हुए स्पष्टीकरण मांगा था।
अभिभावकों ने सुरक्षा और पढ़ाई पर उठाए सवाल
शनिवार को अल फलाह यूनिवर्सिटी परिसर में हाल ही में सामने आई संदिग्ध, आतंकी गतिविधियों की खबरों के बीच कई अभिभावक अपने बच्चों की सुरक्षा और शैक्षणिक माहौल को लेकर चिंता जताते हुए कैंपस पहुंचे। अभिभावकों ने विश्वविद्यालय प्रबंधन से विस्तृत बातचीत की और कहा कि उनका मुख्य फोकस छात्रों की पढ़ाई-लिखाई की गुणवत्ता, सुरक्षा व्यवस्था और अनुशासनात्मक माहौल में सुधार पर है। अभिभावकों ने बताया कि वे तब तक शांत नहीं बैठेंगे जब तक यूनिवर्सिटी प्रबंधन इन मुद्दों पर ठोस कार्रवाई का भरोसा नहीं देता।

