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गर्ल्स हॉस्टल के गेट पर पुलिस गश्त और जिम में महिला ट्रेनर अनिवार्य

रेणु भाटिया ने डीजीपी को लिखा पत्र, सभी जिलों को मिले सुरक्षा निर्देश
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हरियाणा में छात्राओं और महिलाओं की सुरक्षा को लेकर राज्य महिला आयोग ने मंगलवार को दो बड़े फैसले लिए हैं। पहला - प्रदेश के सभी गर्ल्स हॉस्टलों के बाहर अब पुलिस गश्त वाहन एंट्री टाइम खत्म होने तक तैनात रहेंगे। दूसरा - सभी सरकारी और निजी जिम में महिला ट्रेनर या प्रशिक्षक की नियुक्ति अनिवार्य की जाएगी। महिला आयोग की चेयरपर्सन रेणु भाटिया ने इन दोनों मामलों में डीजीपी और खेल विभाग को औपचारिक पत्र भेजे हैं।

दरअसल, यह कदम पंचकूला में राष्ट्रीय फैशन प्रौद्योगिकी संस्थान (निफ्ट) के बाहर एक छात्रा के साथ हुई छेड़छाड़ की घटना के बाद उठाया गया है। यह मामला प्रधानमंत्री कार्यालय तक पहुंचा था। जिसके बाद महिला आयोग की चेयरपर्सन रेणु भाटिया खुद निफ्ट कैंपस पहुंचीं। उन्होंने मौके पर पुलिस, कॉलेज प्रबंधन और नगर निगम अधिकारियों के साथ बैठक की और रात में सुरक्षा बढ़ाने, स्ट्रीट लाइट लगाने और पुलिस गश्त बढ़ाने के निर्देश दिए।

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रेणु भाटिया ने कहा कि छात्राओं की सुरक्षा केवल कॉलेज कैंपस तक सीमित नहीं होनी चाहिए। हॉस्टल लौटने तक हर युवती सुरक्षित महसूस करे, यह हमारी प्राथमिक जिम्मेदारी है। महिला आयोग ने हरियाणा पुलिस के डीजीपी को लिखे पत्र में स्पष्ट कहा है कि राज्य के सभी गर्ल्स हॉस्टलों के बाहर, एंट्री टाइम खत्म होने तक पुलिस गाड़ी की मौजूदगी अनिवार्य की जाए। यह व्यवस्था सिर्फ विश्वविद्यालय या कॉलेज कैंपस तक सीमित नहीं होगी, बल्कि निजी हॉस्टलों पर भी लागू होगी।

रेणु भाटिया ने निर्देश दिया कि पुलिस गश्त का समय हॉस्टल के एंट्री-एक्ज़िट टाइम से जोड़ा जाए, ताकि छात्राओं को रात में अकेले लौटते समय किसी तरह का खतरा महसूस न हो। साथ ही, उन्होंने पुलिस को छात्राओं के लिए साइबर क्राइम अवेयरनेस सेमिनार आयोजित करने के निर्देश भी दिए। इसके तहत पुलिस अधिकारी अब कॉलेजों और हॉस्टलों में जाकर छात्राओं को हेल्पलाइन नंबरों और आपातकालीन प्रक्रियाओं की जानकारी देंगे।

सरकार से तत्काल दिशा-निर्देश की मांग

महिला आयोग ने सरकार से आग्रह किया है कि इस सिफारिश पर जल्द से जल्द औपचारिक दिशा-निर्देश जारी किए जाएं, ताकि राज्य के सभी जिलों में इसका पालन सुनिश्चित हो सके। रेणु भाटिया ने कहा कि महिलाओं की सुरक्षा सिर्फ पुलिस की जिम्मेदारी नहीं, यह हर संस्थान, हर नागरिक और हर विभाग का साझा दायित्व है।

पंचकूला से पूरे हरियाणा तक एक मॉडल

निफ्ट के बाहर हुई घटना से शुरू हुआ यह अभियान अब पूरे हरियाणा के लिए एक सुरक्षा मॉडल बनकर उभरा है। राज्य महिला आयोग का मानना है कि अगर पुलिस, कॉलेज प्रशासन और स्थानीय निकाय एक तय समय पर समन्वय से काम करें, तो छात्राओं और महिलाओं के खिलाफ अपराधों पर काफी हद तक अंकुश लगाया जा सकता है।

 

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