सुरेंद्र दुआ/निस
नूंह/मेवात,12 जून
पुन्हाना शहर में गांव जमालगढ़ के युवक की मौत के बाद ग्रामीणों ने जमकर बवाल काटा। घटना से गुस्साए ग्रामीणों ने बड़कली-पुन्हाना रोड पर एक वाहन में युवक के शव को रखकर जाम लगा दिया। ग्रामीणों का आरोप है कि युवक की मौत के लिए फरीदाबाद पुलिस जिम्मेदार है। फरीदाबाद पुलिस ने युवक को काफी प्रताड़ना दी थी।
सड़क जाम होने से दोनों ओर वाहनों की कतारें लग गई। पुलिस ने रास्ता डायवर्ट किया तो इससे ग्रामीण खफा हो गए। उन्होंने पुलिस वाहनों पर लाठी-डंडों से हमला कर दिया और पथराव भी किया। ग्रामीणों ने पुलिस की एक गाड़ी को आग के हवाले भी कर दिया। फायर ब्रिगेड की कोशिश के बावजूद गाड़ी पूरी तरह से जल गयी। इस बारे में पुन्हाना थाना प्रभारी बिलासाराम ने माना कि गांव जमालगढ़ के युवक की मौत का परिजनों और ग्रामीणों ने फरीदाबाद पुलिस पर आरोप लगाया है। उपद्रव करने वाले लोगों पर जांच के बाद कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। हमले में पुन्हाना शहर चौकी प्रभारी एसआई हरदेव सिंह, मुख्य सिपाही मंजीत सिंह, सिपाही पवन कुमार, लोकेश, मुख्य सिपाही हबीब खां सहित कई पुलिस कर्मियों को चोटें आई हैं। सभी घायल पुन्हाना सीएचसी में उपचाराधीन हैं।
परिजनों का आरोप
उल्लेखनीय है कि गांव जमालगढ़ (पुन्हाना) के जुनैद (21) को फरीदाबाद पुलिस की एक शाखा 31 मई को सुनहेड़ा-जुरहेडा बॉर्डर से किसी मामले में पूछताछ के लिए ले गई थी। एक जून को गांव के मौजिज लोगों की मौजूदगी में उसे छोड़ दिया था। जुनैद की कल अचानक मौत हो गई। मृतक के परिजनों व ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि फरीदाबाद की पुलिस की प्रताड़ना और आंतरिक चोटों के कारण जुनैद की मौत हो गई।
फरीदाबाद पुलिस ने आरोपों का किया खंडन
फरीदाबाद (हप्र) : पुन्हाना के युवक की मौत के मामले में मृतक के परिजनों द्वारा लगाए गए आरोपों का खंडन किया है। जानकारी के अनुसार 80 हजार रुपए की धोखाधड़ी के आरोप में फरीदाबाद पुलिस ने मामला दर्ज किया था। जांच के दौरान 31 मई की रात को शाहिद, जुनैद समेत 5 युवकों ने पुलिस ने पूछताछ की थी। जुनैद को किडनी की बीमारी के चलते उसी रात परिजनों के हवाले कर दिया था। फरीदाबाद पुलिस के प्रवक्ता सुबे सिंह ने बताया कि जुनैद को किसी भी प्रकार की प्रताड़ना नहीं दी गई थी।