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5 मिनट में पहुंची पुलिस, 20 मिनट में लौटी मासूम की ‘दुनिया’

हरियाणा पुलिस की तत्परता का एक और प्रमाण, डायल 112 ने फिर दिल जीता
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पंचकूला में परिजनों को बच्ची सौंपने के बाद पुलिस कर्मचारी।
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चंडीगढ़, 26 मई (ट्रिन्यू)

हरियाणा में नागरिक सुरक्षा और मानवीय संवेदनशीलता का उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत करते हुए डायल-112 की टीम ने एक गुमशुदा बच्ची को केवल 20 मिनट में उसके परिजनों से फिर से मिलवा दिया। परिवार के जीवन में फिर से मुस्कान लौटी है। यह भी सिद्ध किया कि हरियाणा पुलिस सिर्फ कानून व्यवस्था की नहीं, बल्कि इंसानियत की भी प्रहरी है। हरियाणा के पुलिस महानिदेशक शत्रुजीत कपूर ने ईआरवी टीम को इस सराहनीय कार्य के लिए बधाई दी।उन्होंने कहा कि हरियाणा पुलिस की डायल-112 सेवा आपात स्थितियों में तेजी से प्रतिक्रिया देने वाली सबसे भरोसेमंद सेवा बनकर उभरी है। यह घटना हमारे जवानों की सतर्कता, संवेदनशीलता और मानवीयता का जीवंत उदाहरण है। मैं टीम को बधाई देता हूं, जिन्होंने केवल कानून की नहीं, एक परिवार की भावनाओं की भी रक्षा की। यह सिर्फ कर्तव्य नहीं, बल्कि एक मिशन है, जन सेवा का, जन सुरक्षा का।

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डीजीपी ने कहा कि डायल-112 सेवा के तहत औसतन 6 मिनट 51 सेकंड में प्रतिक्रिया सुनिश्चित की जा रही है। पिछले एक वर्ष में इस सेवा के ज़रिए 69 लाख से अधिक आपात कॉल्स का जवाब दिया गया और लगभग 19 लाख लोगों को तत्काल सहायता पहुंचाई गई।

हरियाणा पुलिस लगातार यह सिद्ध कर रही है कि वह सिर्फ एक वर्दीधारी संस्था नहीं, बल्कि समाज के हर वर्ग की रक्षक है। उन्होंने बताया कि 24 मई यानी शुक्रवार की रात करीब 10 बजे पंचकूला सेक्टर-15 से डायल 112 पर बच्ची की गुमशुदगी से संबंधित एक कॉल आई।

इसमें बताया गया कि दो साल की बच्ची लापता हो गई है। बच्ची इतनी छोटी थी कि वह अपना नाम, माता-पिता या घर का पता कुछ भी नहीं बता सकती थी। वह खेलते-खेलते गलियों में भटक गई थी। सूचना मिलते ही डायल 112 की ईआरवी (एमरजेंसी रिस्पांस व्हीकल) टीम केवल 5 मिनट में मौके पर पहुंच गई। इसमें एएसआई कर्ण सिंह और अन्य कर्मचारी शामिल थे। बच्ची डरी-सहमी थी, लेकिन टीम ने अत्यंत मानवीयता, धैर्य और सूझबूझ के साथ कार्य करते हुए आस-पास के लोगों से पूछताछ की, संभावित इलाकों की तलाश की और महज 20 मिनट में बच्ची को सकुशल उसके माता-पिता से मिला दिया।

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