मुख्य समाचारदेशविदेशहरियाणाचंडीगढ़पंजाबहिमाचलबिज़नेसखेलगुरुग्रामकरनालडोंट मिसएक्सप्लेनेरट्रेंडिंगलाइफस्टाइल

सिरसा में मुशायरे में शायरों ने बांधा समां

सिरसा, 3 फरवरी (हप्र)  रविवार को बसंत पंचमी के अवसर पर श्री युवक साहित्य सदन द्वारा आयोजित मुशायरे की महफिल एक यादगार शाम के रूप में साहित्य प्रेमियों के जहन ओ दिल में रची-बसी रहेगी। महफिल में शामिल सभी शायरों...
मुशायरे में अपनी रचना प्रस्तुत करते साहित्यकार। -हप्र
Advertisement
सिरसा, 3 फरवरी (हप्र)  रविवार को बसंत पंचमी के अवसर पर श्री युवक साहित्य सदन द्वारा आयोजित मुशायरे की महफिल एक यादगार शाम के रूप में साहित्य प्रेमियों के जहन ओ दिल में रची-बसी रहेगी। महफिल में शामिल सभी शायरों ने जम कर शायरी की और एक से बढकर एक लाजवाब पेशकारी से मौजूद लोगों की वाह-वाह और तालियां बटोरीं। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि जेजेपी राष्ट्रीय प्रधान महासचिव राधेश्याम शर्मा व अध्यक्षता कर रहीं अंजू डूमरा ने सरस्वती पूजन करके किया। पुस्तकालय मंत्री डा. शील कौशिक ने अतिथियों का स्वागत किया। मंच संचालन करते हुए लाज पुष्प ने सबसे पहले पटियाला से आए अमरदीप सिंह अमर को मुशायरे की शमां सौंपी। उन्होंने गज़ल पढ़ते हुए कहा, बेजरुरत सी कितनी खुशियां हैं, मन मुताबिक नहीं मलाल कोई। अपनी हैरत गंवा चुका हूं मैं, चाहे कितना करे कमाल कोई। करीब 25 मिनट में अमरदीप सिंह अमर ने बेहतरीन शायरी प्रस्तुत कर मुशायरे को नया मयार दे दिया। इसके बाद माइक पर आए अमीर इमाम ने कहा- मेरे अशआर सुनाना ना सुनाने देना, जब मैं दुनिया से चला जाऊं तो जाने देना। हसीन लड़कियां खुशबूएं चांदनी रातें और इनके बाद भी ऐसी सड़ी हुई दुनिया। उन्होंने देर तक गज़लें पेश करते हुए श्रोताओं की दाद लूटी। लाज पुष्प ने एक गज़ल में कहा, आसान से सवाल भी लाजिम है एक दो, रखा गया हूं इसलिए मैं इम्तिहान में। उनके बाद पंजाबी फिल्म जगत के गीतकार विजय विवेक ने माइक संभाला और कहा, जो मेरी मौत दा सामान सी ओ वी गिया, जेड़े तोते च मेरी जान सी ओ वी गिया।फिर उन्होंने गीत पढ़ा, आ चुक अपणे तांघ तसव्वुर रोणा केड़ी गल्ले, उमरां दी मैली चादर विच बन्न इकलापा पल्ले, जोगी चल्ले। इस गीत पर देर तक सभागार तालियों से गूंजता रहा। प्रधान प्रवीण बागला ने अतिथियों का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम में डा. वेद बैनीवाल, अमित गोयल, रेणुका प्रवीण, उत्तम सिंह ग्रोवर, डा. जीके अग्रवाल, डा. सुखदेव सिंह, डा. हरविंदर सिंह, हर भगवान चावला, परमानंद शास्त्री, रमेश शास्त्री, विरेन्द्र भाटिया, अतुल बंसल, केशव सहित बड़ी संख्या में साहित्य प्रेमी मौजूद थे।

मुशायरे के कार्यक्रम में मौजूद श्रोता। -हप्र

 

Advertisement

Advertisement
Show comments