कुरुक्षेत्र, 14 मार्च (हप्र)
प्रेरणा वृद्धाश्रम में संस्था के प्रेरणा कला एवं साहित्य मंच द्वारा काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया।
इसमें साहित्य के स्थापित एवं उभरती प्रतिभा के प्रमुख कवियों ने भाग लिया।
संस्था के संस्थापक जयभगवान सिंगला ने बताया कि इस तरह के आयोजनों में प्रेरणा वृद्धाश्रम के बुजुर्गों को भी शामिल होने का मौका मिलता है। उनकी साहित्यक पिपासा शांत होती है और अपनी मन की भावनाओं को प्रस्तुत करने का मौका मिलता है।
काव्य गोष्ठी में 30 से अधिक कवियों ने भाग लेते हुए रचनाएं प्रस्तुत की। गोष्ठी में हरियाणा ग्रंथ अकादमी के पूर्व निदेशक डा. विजय दत्त शर्मा ने अपने विचार प्रस्तुत किये।
गोष्ठी के मुख्यातिथि डा. चितरंजन दयाल सिंह कौशल ने कहा कि वर्तमान समय में लोग चिंताओं से घिरे हुए हैं। लोगों को चिंताओं से मुक्त रखने के लिए इस प्रकार की काव्य गोष्ठियों का होना अत्यंत आवश्यक है। इस अवसर पर डा. केवल कृष्ण, डा. सीडीएस कौशल, डा. बीडी शर्मा, आशा सिंगला, डा. हरबंस कौर, डा. मधु मल्होत्रा, राम मेहता, चंद्रशेखर शर्मा, कविता रोहिल्ला, ममता सूद, वीरेंद्र राठौर, अनीता, रामपाल, राधा अग्रवाल, सौरभ, डा. बलवान व श्रुति भी मौजूद थे।
…कुछ तो डूबे थे गम में, कुछ मयखाने में
कैथल (हप्र) : साहित्य सभा की मासिक गोष्ठी आरकेएसडी कॉलेज में हुई। इसकी अध्यक्षता डॉ. हरीश झंडई ने की तथा संचालन डॉ. प्रद्युम्न भल्ला ने किया। गोष्ठी का आरंभ करते हुए डॉ. भल्ला ने साहित्यकारों का स्वागत किया और साहित्य सभा से जुड़े सदस्यों रामफल गौड, राजेश भारती, गुलशन मदान, रिसाल जांगड़ा को साहित्य अकादमी द्वारा सम्मानित किए जाने पर बधाई दी। संस्था के उप प्रधान कमलेश शर्मा ने सभी नए लेखकों को प्रोत्साहित किया। गोष्ठी का आगाज राजेश भारती के हाइकु, हाथ न आती, मगर परछाई, साथ निभाती से हुआ।
पूंडरी के गज़लकार दिनेश बंसल, रविंद्र कुमार रवि ने अपनी गजलें प्रस्तुत कीं। मंच संचालन करते हुए डॉ. प्रद्युमन भल्ला ने किया। दिलबाग अकेला ने कहा, दोस्त देखे बहुत से हमने जमाने में, कुछ तो डूबे थे गम में, कुछ मयखाने में।
गोष्ठी में श्यामसुंदर गौड़, अनिल कौशिक, डॉ. संध्या, मधु गोयल, रामफल गौड़, संदीप रंगा, मिठु राम मानव, प्रीतम शर्मा, महेंद्र पाल सारस्वत, लहना सिंह अत्री, सुबे सिंह, डॉ़ चतुर्भुज बंसल, योगी यशवीर सिंह आर्य ने भी प्रस्तुतियां दीं।