कागजों तक सीमित है पीएम फसल बीमा योजना : हुड्डा
उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने कदम-कदम पर किसानों के साथ धोखा किया है। मुआवजा ही नहीं, किसानों को खाद और एमएसपी से भी वंचित किया जा चुका है। उन्होंने सवाल उठाया कि भाजपा सरकार की भावांतर योजना और सरकारी खरीद एजेंसी कहां है। सरकार द्वारा धान, बाजरा, मूंग और कपास जैसी फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य न देकर, किसानों को लगातार ठगा जा रहा है। किसान की फसलें औने-पौने दामों पर बिक रही हैं, लेकिन सरकार व एजेंसियां गायब हैं।
यह किसानों के साथ विश्वासघात है। उन्होंने कहा कि मंडियों में बाजरा 1850 रुपये से 1900 रुपये प्रति क्विंटल में पिट रहा है, क्योंकि सरकारी खरीद पूरी तरह बंद कर दी गई है। एमएसपी 2250 रुपये प्रति क्विंटल होने के बावजूद किसान नुकसान झेल रहे हैं। धान, मूंग, कपास समेत तमाम फसले इसी तरह पिट रही हैं। कपास 6500 रुपये-7200 रुपये प्रति क्विंटल बिक रही है, जबकि एमएसपी 8100 रुपये प्रति क्विंटल है। सरकारी खरीद न होने से सिर्फ मिलर ही खरीद कर रहे हैं, जिसका पूरा नुकसान किसानों को हो रहा है।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा सरकार किसानों को एमएसपी का लाभ देने के वादों पर खरी नहीं उतर रही। भावांतर योजना का नाम लेकर किसानों को गुमराह किया जा रहा है। बात-बात पर भावांतर का राग अलापने वाली सरकार, बताए कि अब वो योजना कहां है।
 
 
             
            