सुरेंद्र मेहता/हप्र
यमुनानगर, 31 जुलाई
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज फिर मन की बात में मधुमक्खी पालन करके शहद का उत्पादन बढ़ाने का आह्वान किया।
उन्होंने कहा कि परंपरागत खेती के साथ ही नये विकल्पों को अपनाना जरूरी है। मधुमक्खी पालन भी ऐसा ही एक विकल्प बन कर उभर रहा है। बहुत संख्या में किसान इससे जुड़ रहे हैं। ऐसे ही हरियाणा के यमुनानगर में एक किसान सुभाष कंबोज शहद से हर साल अच्छी कमाई कर रहा है।
देश में ऐसे कई किसान मधुमक्खी पालन कर रहे हैं, जिससे देश में हर साल सवा लाख टन से अधिsक शहद का उत्पादन हो रहा है।
प्रधानमंत्री ने पिछले साल 28 मार्च को भी मन की बात कार्यक्रम में यमुनानगर के सुभाष कंबोज का मधु पालन के लिए जिक्र किया था। जिला के गांव हाफिजपुर में पेशे से किसान और लम्बे समय से मधुमक्खी पालन का व्यवसाय कर रहे सुभाष कंबोज अन्य युवाओं को मधुमक्खी पालन की जानकारी व प्रशिक्षण देकर उन्हें स्वावलम्बी बना रहे हैं।
सुभाष कंबोज ने बताया कि उन्होंने 6 बॉक्स से मधुमक्खी पालन का काम शुरू किया था और आज उनके पास हजार से अधिक बॉक्स हैं। उन्होंने बताया कि वे युवाओं को मधुमक्खी पालन का प्रशिक्षण देकर स्वावलम्बी बनाने का काम कर रहे हैं। हरियाणा सरकार मधुमक्खी पालन पर 40+45 प्रतिशत उद्यान विभाग के माध्यम से सब्सिडी उपलब्ध करवाती है।
सुभाष काम्बोज ने बताया कि वैसे तो मधुमक्खी पालन के लिए कई प्रजातियों की मक्खी होती है, लेकिन बॉक्स में एपिसमिलाफैरा मधुमक्खी पाली जाती है, जो कि ज्यादा मात्रा में शहद का उत्पादन करती है। जबकि पेड़ पर लगने वाला मधुमक्खी का छत्ता एपिस डोरसेट लगाती है। इस के अतिरिक्त एपिस सैरेना इण्डिका, एपिस फलोरिया इण्डिका तथा डंक न मारने वाली डम्भर (एपिस मेलिपोना) मधुमक्खी शहद एकत्रित करने का काम करती है।
पीएस ने बताया पहले तो एक ही प्रकार का शहद एकत्रित होता था लेकिन अब हम लोग मक्खियों के बॉक्सों को हरियाणा से राजस्थान, जम्मू कश्मीर, हरियाणा से लेह लद्दाख तक लेकर जाते है, जिस कारण सरसों के खेत में मधुमक्खी का बॉक्स रखने से सरसों का शहद, जामुन का शहद, तुलसी का शहद, नीम का शहद, सफेदा शहद, सौंफ का शहद, अजवाइन का शहद, लीची का शहद, कीकर का शहद जैसे अन्य कई प्रकार के शहद बॉक्स में पनप रही मधुमक्खी के माध्यम से मिलता है। प्रधानमंत्री द्वारा सुभाष कंबोज के जिक्र किए जाने के बाद गांव हाफिजपुर ही नहीं आसपास के गांव के इलाके के लोग भी आकर सुभाष कंबोज को बधाइयां दे रहे हैं।