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Haryana News : हरियाणा में खिलाड़ियों व कोचों को मिलेगा दोगुना सहयोग, नर्सरियों की संख्या और मानदेय में बड़ी बढ़ोतरी प्रस्तावित

युवा खिलाड़ियों को मैदान में टिकाने और प्रशिक्षकों को प्रोत्साहित करने की पहल
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Haryana News : हरियाणा सरकार खेल प्रतिभाओं को उनकी प्रारंभिक अवस्था में ही पहचानने और संवारने के लिए खेल नर्सरी सिस्टम को सुदृढ़ करने की दिशा में ठोस कदम उठा रही है। सरकार ने न केवल नर्सरियों की संख्या बढ़ाने, बल्कि उनमें शामिल खिलाड़ियों और कोचों के मानदेय में भी उल्लेखनीय वृद्धि करने का प्रस्ताव रखा है। यह बदलाव राज्य को ‘खिलाड़ी उत्पादन केंद्र’ बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल माना जा रहा है।

सरकार ने वर्तमान में संचालित 1500 खेल नर्सरियों की संख्या को बढ़ाकर 2000 करने का प्रस्ताव रखा है। इन नर्सरियों में आठ वर्ष से लेकर उन्नीस वर्ष तक के युवाओं को खेलों की बुनियादी शिक्षा और प्रशिक्षण दिया जाता है। नर्सरियों का विस्तार ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में भी किया जाएगा, जिससे हर गांव से खिलाड़ी निकल सकें। ये नर्सरियां खेल मैदानों व सरकारी शैक्षणिक संस्थानों में ही नहीं बल्कि प्राइवेट जगहों पर भी स्थापित की जा सकेंगी।

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सरकार की योजना के अनुसार, 8 से 14 वर्ष आयु वर्ग के खिलाड़ियों को मिलने वाली मासिक राशि 1500 से बढ़ाकर 2000 रुपये की गई है। इसी तरह 15 से 9 वर्ष आयु वर्ग के खिलाड़ियों को अब 2000 की बजाय 3000 रुपये मासिक मदद मिलेगी। खिलाड़ियों की दैनिक डाइट में भी बढ़ोतरी की है। अब तक निजी प्रशिक्षकों (प्राइवेट कोच) को 20 हजार और 25 हजार मासिक मानदेय दिया जाता था सरकार ने इसे बढ़ाकर 40 और 50 हजार करने का निर्ण लिया है।

डाइट भत्ता में बढ़ोतरी

राज्य सरकार द्वारा संचालित 21 आवासीय खेल अकादमियों में प्रशिक्षण ले रहे खिलाड़ियों को अब तक 400 प्रतिदिन का आहार भत्ता मिलता है। इसे बढ़ाकर 500 रुपये प्रतिदिन करने का प्रस्ताव विचाराधीन है। डाइट मनी बढ़ाने की मांग भी खिलाड़ियों द्वारा लम्बे समय से की जा रही थी। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने बजट में इसमें बढ़ोतरी करने का ऐलान किया था।

खिलाड़ियों को केवल तालियों से नहीं, सुविधाओं से प्रेरणा मिलती है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के नेतृत्व में राज्य सरकार प्रदेश का खेलों का बड़ा हब बनाने की दिशा में काम कर रही है। खिलाड़ियों के साथ-साथ उनके ट्रेनर की सुविधाओं में लगातार इजाफा कर रहे हैं। खेल प्रतिभा को निखारने के लिए शुरूआत गांव और नर्सरी से होती है। इसीलिए खेल नर्सरियों की संख्या बढ़ाने और खिलाड़ियों व कोच को मिलने वाली आर्थिक मदद में बढ़ोतरी का प्रस्ताव है।

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