झज्जर, 7 नवंबर (हप्र)
बादली क्षेत्र में स्थित एकमात्र सीएचसी में चिकित्सकों और सुविधाओं की कमी के चलते रोगियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। सीएचसी में बुखार, खांसी और अन्य बीमारियों के लिए फिजीशियन का पद भी खाली पड़ा है। ऐसे में रोगियों को निजी चिकित्सकों की शरण में जाना पड़ता है जो कि उनके लिए आर्थिक तौर पर भी घाटे का सौदा हो रहा है। इलाज कराने के लिए सीएचसी पहुंची सीमा, सुदेश, कमला, दीपा और शीला का कहना है कि गांव में बने सरकारी अस्पताल जिसमें समय के साथ सुविधाओं को बढ़ाना चाहिए। इसके विपरीत ऐसा न होकर इसमें लगातार सुविधाओं का अभाव हो रहा है। भले ही सरकार ने इसको पीएचसी से बढ़ाकर सीएचसी का दर्जा दे दिया हो मगर अस्पताल में सुविधाएं आज भी पीएचसी अस्पताल से बदतर ही हैं।
पिछले कई माह से महिला रोग विशेषज्ञ का पद भी खाली पड़ा है। ऐसे में महिलाओं का ईलाज सीएचसी में नहीं हो रहा है। महिला रोग विशेषज्ञ न होने से सबसे बड़ी परेशानी गर्भवती महिलाओं को उठानी पड़ती है। प्रसव के लिए भी अधिकतर महिलाओं को झज्जर रैफर कर दिया जाता है या फिर अन्य सलाहकार विशेषज्ञ से काम चलाना पड़ता है।
क्या कहते हैं एसएमओ
एसएमओ जितेन्द्र कुमार का कहना है कि कुछ सुविधाओं का अभाव झेलना पड़ रहा है। चिकित्सकों की कमी के लिए आला अधिकारियों को अवगत करवाया गया है। इसके अतिरिक्त अस्पताल की तीन माह से अस्पताल परिसर की दीवार टूटी हुई है जिसके लिए संबंधित विभाग को कई बार ठीक करवाने की मांग की गई है।