यमुनानगर, 2 अगस्त (हप्र)
हरियाणा सरकार के विभिन्न विभागों की लापरवाही का खमियाजा हरियाणा के बुजुर्गों, विकलांगों और विधवाओं को भुगतना पड़ रहा है। सरकार द्वारा परिवार पहचान पत्र बनाकर उन्हें पेंशन के लिए लागू किए जाने के आदेश के बाद यह दिक्कतें प्रदेश भर में आनी शुरू हो चुकी हैं। जिसके चलते प्रदेश के हजारों बुजुर्ग एवं विधाएं परेशान हैं। अकेले यमुनानगर में 36000 से अधिक ऐसे वृद्ध, विकलांग व विधवा आए हैं जिनकी पेंशन पिछले 3 महीने से नहीं मिल रही।
18 जुलाई को भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने हजारों की संख्या में विकलांगों, वृद्धों, विधवाओं के साथ समाज कल्याण विभाग अधिकारी कार्यालय पर प्रदर्शन किया था। तत्कालीन समाज कल्याण अधिकारी विनोद कुमार पहुंचे और उन्होंने दो-तीन दिन में इन सभी समस्याओं के समाधान का आश्वासन दिया। लेकिन दो दिन बाद ही उनका तबादला कर दिया गया। उनकी जगह ईश्वर राठी को यह नियुक्त किया गया।
उपायुक्त पार्थ गुप्ता के आदेश के बाबजूद नगर निगम, राजस्व विभाग, जिला विकास एवं पंचायत विभाग, पंचायती राज विकास अधिकारी, महिला बाल विकास अधिकारी, नगर पालिका सडोरा, रादौरा के अधिकारियों ने गंभीरता से नहीं लिया। 10 दिन बाद भी अभी तक रिपोर्ट समाज कल्याण विभाग को नहीं सौंपी गई।
जिला समाज कल्याण अधिकारी ईश्वर राठी का कहना है कि यह 2 दिन में होने वाला कार्य नहीं है। कर्मचारियों की ड्यूटी इन त्रुटियों को दूर करने के लिए सर्वे के लिए लगाई गई हैं। सर्वे पूरा होने के बाद उसे चंडीगढ़ भेज जाएगा। उसके बाद पेंशन जारी हो पाएगी। उन्होंने कहा कि जब से पेंशन रोकी गई है तब से पेंशन का भुगतान होगा।