सुभाष पौलत्स्य/ निस
पिहोवा, 21 जुलाई
चुनाव के बाद नवनिर्वाचित पार्षद व प्रधान शपथ के लिए तरस रहे थे। स्थानीय नगरपालिका के नवनिर्वाचित चेयरमैन व पार्षदों का शपथ ग्रहण समारोह पालिका प्रांगण में आयोजित हो ही गया। बरसात के कारण चेयरमैन आशीष चक्रपाणी सहित सभी 17 पार्षदों लाभ सिंह, मनिंद्र कौर, पिंकी, दीपिका शर्मा, ज्योति, विकास कुमार, फूल सिंह, गगनदीप, रविकांत, पराग, जयपाल शर्मा, सारिका कौशिक, दीपक प्रकाश, दर्शना रानी, स्वर्ण कौर, राजेश कुमार व प्रिंस गर्ग को शपथ दिलाई।
जनता का आभार जताया
नगर पालिका अध्यक्ष आशीष चक्रपाणि ने उपमंडल पिहोवा के सभी नगर वासियों का आभार व्यक्त करते हुए जनता को आश्वासन दिलाया कि वे हर समय आमजन की सहायता के लिए उनके साथ खड़े हैं। इस मौके पर खेलमंत्री संदीप सिंह मंडल अध्यक्ष राकेश पुरोहित, बलदेव काहडा, रामकृष्ण दुआ, कुणाल शर्मा, संजय चक्रपाणि सहित भारी संख्या में लोग मौजूद थे।
नगरपालिका के चुनावों में भाजपा के आशीष चक्रपाणि ने प्रधान पद का चुनाव जीतकर एक इतिहास रचा है। चुनाव जीतकर उन्होंने अपने पिता की हार का बदला भी ले लिया। उनके पिता पंडित शिवकुमार ने पार्षद पद का लगभग 50 वर्ष पूर्व चुनाव लड़ा था तथा वह हार गए थे।
उसके बाद अब आशीष चक्रपाणि ने प्रधान पद का सीधा चुनाव लड़ा व जीत हासिल की। इसी के साथ ही उन्होंने एक और रिकॉर्ड बनाया कि पालिका के प्रधान पद की कुर्सी पर विराजमान होने वाले वह ब्राह्मण समुदाय के पांचवे प्रधान बने हैं । पांच बार एक ही समुदाय से प्रधान बनने का उन्होंने रिकॉर्ड बनाया है।
66 साल के शासनकाल में 15 प्रधान
वर्ष 1960 में बनी पिहोवा नगर पालिका के 66 साल के शासनकाल पालिका में लगभग 15 प्रधान बने हैं। जिनमें ब्राह्मण समुदाय से 5 व अग्रवाल गुप्ता समाज से चार बार प्रधान बने हैं । जबकि 3 बार पंजाबी समुदाय के लोगों ने प्रधान पद की कुर्सी पर कब्जा जमाया है। दो बार रामगढिय़ा धीमान समाज के लोगों ने प्रधान पद की कुर्सी हथियाई है। प्रधान पद की कुर्सी के लिए डेरा प्रमुख भी पीछे नहीं रहे। एक बार उदासीन अखाड़ा के महंत तरणदास भी नगरपालिका के प्रधान बन चुके हैं। वर्ष 1960 में सबसे पहले प्रधान ब्राह्मण समाज के रामस्वरूप बने थे। उनके बाद धीमान समाज के किशनलाल ने प्रधान की कुर्सी पर कब्जा किया। उसके पश्चात पंजाबी खत्री समाज के बुड्ढा राम प्रधान बने। बुड्डा राम के निधन के बाद ब्राह्मण समुदाय के राज प्रकाश प्रधान बने। वह लगातार 9 वर्ष तक प्रधान रहे इस दौरान पालिका के चुनाव ही नहीं हुए । ब्राह्मण समुदाय की ओर से ही जय भगवान शर्मा व शिव दर्शन मुरार प्रधान बने । अब पांचवी बार आशीष चक्रपाणि प्रधान बने हैं।
पति पत्नी के नाम ये रिकॉर्ड भी
पंजाबी खत्री समुदाय से बुड्डा राम के बाद भोलानाथ प्रधान बने तथा उनके बाद महक धवन महिला ने प्रधान पद की कुर्सी पर कब्जा किया। अग्रवाल गुप्ता समाज की ओर से सुरेंद्र बंसल श्याम लाल गोयल, महिला शीला शिगला व उसके पश्चात अशोक सिंगला ने प्रधान पद की कुर्सी पर कब्जा किया। दोनों पति पत्नी का प्रधान बनने का रिकॉर्ड भी उनके नाम है। 5 वर्ष के कार्यकाल के दौरान महक धवन व शीला सिंगला दोनों ही प्रधान बनी । रामगढिय़ा धीमान समाज की ओर से कृष्ण लाल व मुख्त्यार सिंह ने भी प्रधान की कुर्सी पर कब्जा जमाया । उदासीन अखाड़े के महंत तरण दास भी नपा के प्रधान रह चुके हैं। पालिका के 66 वर्ष के कार्यकाल में 15 प्रधान बने जिनमें अभी गत बुधवार को आशीष चक्रपाणि ने प्रधान पद की कुर्सी पर कब्जा किया।