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नारनौल में पीसी-पीएनडीटी टीम ने किया भ्रूण जांच के एक बड़े गिरोह का भंडाफोड़, तीन गिरफ्तार

नारनौल की पीसी-पीएनडीटी टीम ने एक महत्वपूर्ण सफलता प्राप्त करते हुए महिला भ्रूण हत्या से संबंधित एक संगठित गिरोह का पर्दाफाश किया है। यह कार्रवाई हरियाणा व राजस्थान राज्य के संयुक्त प्रयासों से दिनांक 30 जुलाई 2025 को राजस्थान के...
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नारनौल की पीसी-पीएनडीटी टीम ने एक महत्वपूर्ण सफलता प्राप्त करते हुए महिला भ्रूण हत्या से संबंधित एक संगठित गिरोह का पर्दाफाश किया है। यह कार्रवाई हरियाणा व राजस्थान राज्य के संयुक्त प्रयासों से दिनांक 30 जुलाई 2025 को राजस्थान के झुंझुनू ज़िले के सिंघाना क्षेत्र में की गई।

टीम को जानकारी मिली थी कि हरियाणा राज्य की गर्भवती महिलाओं को राजस्थान ले जाकर अवैध रूप से लिंग परीक्षण किया जा रहा है। यह कार्रवाई “बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ” अभियान की भावना के अनुरूप, पीसी-पीएनडीटी अधिनियम 1994 के तहत की गई। इस छापेमारी को ज़िला नोडल अधिकारी विजय कुमार यादव तथा लिपिक प्रवीन द्वारा अंजाम दिया गया, जिसमें हरियाणा पुलिस तथा राजस्थान पुलिस का सक्रिय सहयोग रहा।

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टीम को प्राप्त सूचना के अनुसार अमित नामक व्यक्ति द्वारा एक गर्भवती महिला को लिंग परीक्षण के लिए गांव बदोपुर बुलाया गया था। उसके द्वारा एक फिक्सर के माध्यम से गांव शिमला, ज़िला झुंझुनू में जांच की व्यवस्था की गई थी। जांच के एवज में 50000 रुपए की मांग की गई थी। इस दौरान एक महिला को डिकॉय ग्राहक के रूप में टीम के साथ भेजा गया।

पकड़े गए आरोपियों में रवि, भारत शर्मा और उमेश शामिल हैं। अमित शर्मा मौके से भागने में कामयाब हो गया। इन पर पीसी-पीएनडीटी अधिनियम की धारा 3,4,5,6, 29 तथा भारतीय दंड संहिता की धारा 318 व 61 बीएनएस के तहत कार्यवाही की गई है। आरोपियों को मौके से गिरफ़्तार कर लिया गया तथा निकॉन कूलपिक्स कैमरा, मोबाइल फ़ोन, टैबलेट, लैपटॉप एवं अन्य सामान सहित ज़ब्त कर लिया गया। टीम ने आरोपियों से 26000 रुपए भी बरामद किए।

डिकॉय ग्राहक के रूप में भेजी गई महिला से रवि ने जांच उपरांत यह बताया कि गर्भ में लड़की पल रही है। यह स्पष्ट रूप से पीसी-पीएनडीटी अधिनियम का उल्लंघन है। उन्होंने महिला से गर्भपात करवाने के लिए भी मौखिक रूप से सहमति जताई और इसके लिए 20000 रुपए की माँग की।

पीसीपीएनडीटी टीम ने सभी आरोपियों को पकड़ा, जिसकी सूचना ज़िला झुंझुनू की पीसीपीएनडीटी टीम को दी गई और उन्होंने भी नारनौल टीम का साथ देते हुए कार्यवाही की। टीम को यह भी पता चला कि यह गिरोह कई वर्षों से राजस्थान, हरियाणा, दिल्ली तथा उत्तर प्रदेश में इस प्रकार की अवैध गतिविधियों में संलिप्त है। रवि पर राजस्थान में 4 मुकदमे भी दर्ज बताए जा रहे है।

सिविल सर्जन नारनौल ने बताया कि इस प्रकार के संगठित अपराधों पर अंकुश लगाने के लिए स्वास्थ्य विभाग पूर्ण रूप से प्रतिबद्ध है। “किसी भी कीमत पर भ्रूण लिंग परीक्षण जैसी घिनौनी प्रथा को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। दोषियों के विरुद्ध सख़्त से सख़्त कानूनी कार्यवाही की जाएगी।”

इस संयुक्त अभियान में नारनौल ज़िले के साथ-साथ झुंझुनू ज़िले की पीसीपीएनडीटी टीमें भी सक्रिय रही। मौके पर ज़िला पुलिस प्रशासन द्वारा पूरी सुरक्षा एवं सहयोग प्रदान किया गया। पूरी कार्यवाही के पश्चात गिरफ़्तार किए गए आरोपियों को दर्ज मुकदमे के अंतर्गत न्यायालय में प्रस्तुत किया गया।

सिविल सर्जन डॉ० अशोक कुमार ने बताया कि बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ” केवल एक नारा नहीं, बल्कि एक संवेदनशील सामाजिक मिशन है, जिसे हम पूरी निष्ठा से लागू कर रहे हैं। हरियाणा सरकार का स्वास्थ्य विभाग इस तरह की अवैध गतिविधियों पर निगरानी रखने के लिए विभिन्न स्रोतों से सूचनाएं संकलित कर कार्यवाही कर रहा है।

उन्होंने आगे बताया कि ज़िला स्तर पर गठित पीसीपीएनडीटी निरीक्षण टीमें नियमित रूप से निगरानी करती हैं। आमजन से भी यह अपील की जाती है कि वे ऐसी किसी भी अवैध गतिविधि की जानकारी तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र या सिविल सर्जन कार्यालय को दें। सूचना देने वाले व्यक्ति की पहचान गोपनीय रखी जाएगी और उन्हें कानूनी संरक्षण प्रदान किया जाएगा।

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