सोनीपत, 16 अगस्त (निस)
संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर किसानों ने 75वें स्वतंत्रता दिवस को ‘किसान मजदूर आजादी संग्राम दिवस’ के रूप में मनाया। कुंडली बॉर्डर पर आयोजित तिरंगा यात्रा में बड़ी संख्या में किसान और मजदूर शामिल हुए। देशभक्ति के नारों से पूरा धरनास्थल गूंजायमान हो गया। स्वतंत्रता दिवस पर कुंडली बॉर्डर पर समारोह का आयोजन किया गया। यहां दूरदराज इलाकों से भारी संख्या में किसान और मजदूर राष्ट्रीय ध्वज लगे वाहनों में सवार होकर देशभक्ति के नारे लगाते हुए कुंडली बॉर्डर पर पहुंचे। इस अवसर पर संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा कि लाखों किसानों के शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन के 9 महीने पूरे होने के उपलक्ष्य मेें 26 अगस्त को एक राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित करने का निर्णय लिया है। अखिल भारतीय सम्मेलन में कई किसान संगठनों के प्रतिनिधि भागेदारी करेंगे जो स्थानीय, क्षेत्रीय और राष्ट्रीय स्तर पर चल रहे विरोध प्रदर्शनों का हिस्सा रहे हैं।
4 किसान नेता निष्कासित
एसकेएम की बैठक में हरियाणा के प्रदीप धनखड़, विकल पचर, जगबीर घसोला और डॉ. शमशेर को एसकेएम से पूरी तरह से निष्कासित कर दिया गया है। उन्हें एसकेेएम के किसी भी विरोध स्थल, किसी भी मोर्चा स्थल या मंच पर प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी जायेगी। उन पर यह कार्रवाई एसकेएम के मापदंडों का पालन न करने पर की गई है।
‘कानूनों को थोप रही है सरकार’
बाढड़ा (निस) : श्योराण खाप के बैनर तले किसानों ने सद्भावना तिरंगा यात्रा निकाली तथा कस्बे में तिरंगा यात्रा निकाल कर सरकार से संविधान के तहत बहुमत के आधार पर तीनों कानूनों को रद्द करने का आह्वान किया। मुख्य क्रांतिकारी चौक पर श्योराण खाप पच्चीस अध्यक्ष बिजेन्द्र बेरला की अध्यक्षता में संचालित तिरंगा यात्रा को संबोधित करते हुए भाकियू अध्यक्ष धर्मपाल बाढड़ा ने कहा कि भारतीय संविधान में सभी वर्गो की जनहित की आवाज को सुनवाई करने का पूरा अवसर मिलता है लेकिन पहली बार सरकार जबरन कानूनों को थोप रही है जो न्यायसंगत नहीं है।
चढूनी से बातचीत कर मुद्दों को सुलझाया
एसकेएम ने बताया कि भारतीय किसान यूनियन (चढूनी) के अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी ने चुनाव में प्रवेश करने के अपने बयान को वापस ले लिया है। चढूनी किसी भी राजनीतिक दल का गठन नहीं करेंगे। यह फैसला एसकेएम के प्रतिनिधियों और चढूनी के बीच बातचीत में लिया गया। इसके अलावा एसकेएम ने चढूनी के साथ बातचीत कर कुछ अन्य लंबित मुद्दों को भी सुलझा लिया है। अब एसकेएम और चढूनी के बीच किसी तरह का कोई विवाद नहीं रह गया है।