जींद, 1 सितंबर (हप्र)
सिविल अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में निर्जन गांव में एक झगड़े में घायल होकर पहुंचे मरीजों के उपचार में चिकित्सकों ने बड़ी लापरवाही बरती। यहां तैनात चिकित्सकों ने 3 घंटे तक मरीजों का कोई उपचार नहीं किया और कहा कि इनको मामूली चोट हैं। पीजीआई रोहतक में इनमें से 2 की हड्डियां टूटी हुई मिली। मरीज कई घंटे तक कहराते रहे, लेकिन इमरजेंसी में तैनात डाक्टरों का दिल नहीं पसीजा।
29 अगस्त शाम को लगभग 6 बजे गांव रामकली निवासी दीपक, मनजीत व जोगेंद्र को घायलावस्था में सिविल अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में दाखिल करवाया गया था। यह लोग निर्जन गांव में हुए एक झगड़े में घायल हो गए थे। रात 9 बजे तक ये लोग दर्द से कहराते रहे लेकिन यहां तैनात चिकित्सकों ने इनका कोई उपचार नहीं किया और कहा कि इनको मामूली चोटें आई हैं।
डिप्टी सिविल सर्जन ने लगायी फटकार
साढ़े आठ बजे डिप्टी सिविल सर्जन डॉ. राजेश भोला इमरजेंसी वार्ड में पहुंचे और ड्यूटी पर तैनात चिकित्सकों को इलाज नहीं करने पर फटकार लगाई। इसके बाद दोनों चिकित्सक ड्यूटी छोड़कर इमरजेंसी वार्ड से चले गए। इसके बाद डॉ. राजेश भोला ने मरीजों को संभाला तथा उनका उपचार शुरू किया। इसके बाद तीनों मरीज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जुलाना में चले गए। यहां से दीपक व मनजीत को पीजीआई रोहतक रेफर कर दिया। पीजीआई रोहतक में उपचार के दौरान सामने आया कि दीपक की उंगली टूटी हुई है जबकि मनजीत की दो जगह से बाजू टूटी हुई है। घायलों के तीमारदार अनिल कुमार ने कहा कि इस बारे में वह चिकित्सकों के खिलाफ शिकायत भी देंगे।