राजेश शर्मा/हप्र
फरीदाबाद, 25 अप्रैल
कोरोना की दूसरी लहर ने फरीदाबाद को पूरी तरह से अपनी चपेट में ले लिया है। यहां प्रतिदिन करीब 1500 संक्रमित मरीजों के सामने आने से स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मचा हुआ है। पिछले साल की बात की जाए तो यहां अधिकतर करीब 800 से 900 मरीज ही आ रहे थे। मौत का आंकड़ा भी दो से चार तक होता था, लेकिन कोरोना की इस लहर में जहां एक-एक दिन में 10-10 मौतें हो रही हैं। वहीं अगर नगर निगम के आंकड़ों की बात की जाए तो प्रतिदिन 30 से 35 संक्रमितों की मौत के बाद शहर के विभिन्न श्मशानघाटों में अंतिम संस्कार हो रहा है। जगह नहीं मिलने के चलते लोग श्मशानघाटों के बाहर ही अपनों का अंतिम संस्कार कर रहे हैं। शहर के सरकारी अस्पतालों के साथ-साथ निजी अस्पतालों में इलाज के लिए मरीजों को बेड तक उपलब्ध नहीं हो रहे हैं। यहां मथुरा, आगरा, गुरुग्राम व पलवल, नोएडा जिलों के मरीज अपना इलाज करवा रहे हैं, जिसके चलते स्थानीय लोगों को अस्पतालों में भर्ती नहीं किया जा रहा है।
स्थानीय लोग एंबुलेंसों व गाड़ियों में मरीजों को लेकर इधर-उधर अस्पतालों में चक्कर काट रहे है। फिर भी उन्हें भर्ती होने में जद्दोजहद कर रहे है। शहर के आधा दर्जन प्रतिष्ठित अस्पतालों में सैकड़ों कोविड मरीज अपना इलाज करवा रहे है, यहां भी दिल्ली की तर्ज पर अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी साफ देखी जा रही है। रविवार को सेक्टर-16 स्थित मेट्रो अस्पताल के प्रबंधकों ने डीसी व सरकार को ट्वीट कर बताया कि उनके पास 200 के करीब कोविड मरीजों का इलाज चल रहा है। उनमें से अधिकतर मरीजों को ऑक्सीजन की आवश्यकता है, लेकिन उनके पास कुछ ही घंटों की ऑक्सीजन बची है। इसके बाद जिला प्रशासन ने मेट्रो अस्पताल को ऑक्सीजन दिलाने की कार्रवाई शुरू कर दी है।
अस्पतालों की सूची तैयार
डीसी गरिमा मित्तल ने कोविड 19 की स्थिति को ध्यान में रखते हुए स्वस्थ सुविधाओं को सुचारु रूप से रखने हेतु संबंधित क्षेत्रों से जुड़े लोगों की लिये डॉक्टरो व अधिकारियों की देख-रेख मे संचालित किए जाने वाले अस्पतालों एवं अन्य संस्थानों की की सूची जारी की है। आम लोग जरूरत पड़ने पर इन डाक्टरों से संपर्क कर सकते हैं। डीसी ने बताया कि जिले में कोविड-19 से निपटने के लिए अलग-अलग अधिकारियों को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। उन्होंने बताया कि जिला में विभिन्न अस्पतालों में आक्सीजन गैस की सप्लाई सुनिश्चित करने के लिए एडीसी सतबीर मान को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है।
भर्ती के लिए दो दिन तक भटकते रहे
बीपीटीपी केएलजी सोसाइटी निवासी कारोबारी चंद्रमोहन शर्मा संक्रमित होने के बाद से अस्पताल में भर्ती होने के लिए भटकते रहे। उनके पारिवारिक मित्र तुषार कपूर ने बताया कि पहले ईएसआई लेकर गए तो उसने लेने से मना कर दिया। फिर दूसरे अस्पताल लेकर पहुंचे तो वहां भी उन्हें लौटा दिया गया। फिर बीके अस्पताल गए तो वहां दुर्व्यहार किया गया। इसके बाद दूसरे दिन फिर ईएसआई लेकर पहुंचे और काफी हंगामा किया तब उन्हें एडमिट तो कर लिया गया, लेकिन तब तक हालत बहुत खराब हो चुकी थी। ऑक्सीजन लेवल लगातार डाउन हो रहा था। दस बजे तक सब ठीक था, लेकिन रात बारह बजे उनके मौत हो गई।
जॉब के लिए जाते हैं दिल्ली-गुरुग्राम
दिल्ली व गुरुग्राम से सटे फरीदाबाद में कोरोना संक्रमण के बढ़ने की बात की जाए तो यहां अधिकांश ऐसे नौकरीपेशा लोग रहते है, जो दिल्ली अथवा गुरुग्राम में नौकरी करते है और प्रतिदिन आवागमन करते है। सूत्रों की माने तो इन लोगों के चलते ही संक्रमण तेज हुआ है। दिल्ली में लॉकडाउन होने की वजह से फरीदाबाद में केसों की संख्या में कमी आ सकती है।