सोनीपत, 25 नवंबर (निस)
संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर ऐतिहासिक किसान आंदोलन का एक साल पूरा होने के मौके पर किसानों से दिल्ली बॉर्डरों पर पहुंचने की अपील का अच्छा असर दिखने को मिला है। कुंडली-सिंघु बॉर्डर पर किसानों के पहुंचने का सिलसिला सुबह से शुरू होकर देर रात तक जारी रहा। प्रधानमंत्री द्वारा तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा और आंदोलन का एक साल पूरा होने के मौके पर किसान 26 नवंबर को आंशिक जीत का जश्न मनाएंगे। संयुक्त किसान मोर्चा समन्वय समिति के सदस्य डॉ. दर्शन पाल ने बृहस्पतिवार को कहा कि कृषि कानूनों के विरोध में 26 नवंबर 2020 को ‘दिल्ली चलो’ के आह्वान के साथ शुरू हुआ किसान आंदोलन अपने ऐतिहासिक संघर्ष का एक साल पूरा करेगा। आंदोलन में एक साल के दौरान देश के हर हिस्से से लोगों ने भाग लिया। उन्होंने कहा कि किसान-विरोधी कानूनों को निरस्त करने के सरकार के निर्णय और कैबिनेट की मंजूरी के अलावा किसान आंदोलन ने किसानों, आम नागरिकों और देश के लिए कई तरह की जीत हासिल की है। आंदोलन ने क्षेत्रीय, धार्मिक या जातिगत विभाजनों को खत्म करते हुए किसानों के लिए एकीकृत पहचान की भावना भी पैदा की। दर्शन पाल ने कहा कि कानूनों को निरस्त करना आंदोलन की पहली बड़ी जीत है। एसकेएम प्रदर्शनकारी किसानों की बाकी मांगों को पूरा किए जाने का इंतजार कर रहा है। उधर, रेवाड़ी जिले में दिल्ली-जयपुर हाइवे स्थित जयसिंहपुर खेड़ा बॉर्डर के निकट चल रहे धरने पर 26 नवंबर को बड़ा आयोजन किया जाएगा। इस मौके पर कई राज्यों के किसान व किसान नेता जुटेंगे।
मोर्चों पर जुटे किसान, बड़े पैमाने पर होगा प्रदर्शन
संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर दिल्ली मोर्चा और कई राज्यों की राजधानियों में बड़े पैमाने पर प्रदर्शन के साथ किसान आंदोलन के एक वर्ष को यादगार बनाने के लिए किसान बड़ी संख्या में एकजुट हो रहे हैं। दिल्ली के विभिन्न मोर्चों पर हजारों की संख्या में किसान पहुंच रहे हैं। दिल्ली से दूर राज्यों में इस आयोजन को रैलियों, धरने और अन्य कार्यक्रमों के साथ यादगार बनाया जाएगा।
बब्बू मान और सिप्पी गिल भी पहुंचेंगे
कार्यक्रम में कुंडली सिंघु बार्डर पर पंजाबी कलाकार बब्बू मान, सिप्पी गिल समेत कई बड़ी हस्तियां पहुंचेंगी और किसानों का मनोरंजन करेंगी। किसान सोशल मीडिया पर देशवासियों व अन्य संगठनों से सहयोग मांग रहा है।
अब तक 683 किसानों की हो चुकी है मौत
किसान मोर्चा के नेताओं ने बताया कि साल भर से चल रहे किसान आंदोलन में अब तक 683 किसानों की मौत हो चुकी है। एसकेएम ने इन किसानों के परिवारों को मुआवजा देने व उनके परिवार के पुनर्वास की मांग पीएम से की है।