कैथल, 8 अप्रैल (हप्र)
गांव कोटडा में राजकीय उच्च विद्यालय में भारी संख्या में अभिभावकों ने पहुंचकर सरकार द्वारा सामान्य सरकारी स्कूलों को मॉडल संस्कृति स्कूलों मेंे बदलने के फैसले के विरोध में नारेबाजी की। मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन भी तहसीलदार के रीडर को सौंपा गया। अभिभावक बलजीत सिंह, रोबिन सिंह, राजेंद्र, संदीप, प्रदीप, जोगेंद्र, सतबीर, जयबीर, अनिल, संजय, अरूण, रामभगत, रेनू, नीलम, अनीता, कमलेश, मीना, सुनीता, सुदेश, रूपा ने कहा कि उनके बच्चे राजकीय प्राथमिक पाठशाला कोटड़ा में पड़ते हैं। अब प्राइमरी स्कूल को माडल संस्कृति स्कूल में बदल दिया गया है, लेकिन अब नई शिक्षा नीति में इन स्कूलों को मॉडल संस्कृति स्कूल में बदलने के कारण हिंदी मीडियम के बच्चों को यहां एडमिशन नहीं दिया जा रहा। जबकि इंग्लिश मीडियम के बच्चों के लिए भी सीमित सीटें ही बताई जा रही हैं। इस लेकर गांव के लोगों में भारी रोष है। अभिभावकों ने बताया कि इस नीति के तहत छह वर्ष के बच्चे को पहली कक्षा में दाखिला दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि उनके छोटे बच्चों को 3 से 5 किलोमीटर दूर पैदल नहीं भेज सकते और निजी स्कूलों की फीस भर नहीं पाएंगे। ग्रामीणों ने कहा कि सरकार कह रही है कि पहली से आठवीं तक बच्चों की फीस व पढ़ाई बिल्कुल मुफ्त है, लेकिन यहां ग्रामीण क्षेत्र के स्कूलों को मॉडल संस्कृति में बदलकर फीस भी लागू कर दी गई है।